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                        जनप्रतिनिधियों के पुतले फूंकते ग्रामीण
                                    – फोटो : संवाद 
                    
विस्तार
                                
हाथरस जनपद में सासनी के गांव बिलखौरा कलां और खुर्द में सड़क की बदहाली के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। लगातार पांचवें दिन ग्रामीणों ने दोनों गांवों के तीनों परिषदीय विद्यालयों के ताले नहीं खुलने दिए और न हीं बच्चों को भेजा। अनिश्चितकालीन धरना शुरू करते हुए ग्रामीणों ने स्कूलों के बाहर सरकार और जनप्रतिनिधियों के पुतले फूंके व जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार पांच दिन से न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी गांव में आया है और न कोई जनप्रतिनिधि ग्रामीणों की समस्या को सुनने के लिए तैयार हैं। मजबूरी में उन्हें अनिश्चितकालीन धरना शुरू करना पड़ा है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सड़क नहीं बनेगा, तब तक वह अपने बच्चों को शिक्षा से वंचित रखेंगे और स्कूल को खोलने नहीं देंगे। ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय बिलखौरा खुर्द, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिलखौरा कलां एवं प्राथमिक विद्यालय बिलखौरा कलां के स्कूलों पर ताला लगाए रखा। ग्रामीणों ने स्कूल पर बैनर लटका दिया है।
                
ग्रामीणों का कहना है कि लगातार जर्जर सड़क की शिकायत उच्च अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों से कर-कर थक चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। अब बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार, जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों की है। ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। गांव में जरा सी बारिश हो जाने के कारण ग्रामीणों का निकलना सड़क से दुश्वार हो जाता है।
सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने आज सरकार एवं जनप्रतिनिधियों का पुतला दहन किया है। ग्रामीणों को ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो ग्रामीणों को सुनने को तैयार नहीं है। -चौधरी विक्रम, ग्राम प्रधान बिलखौरा खुर्द
जर्जर सड़क से काफी परेशान हैं। पूर्व में भी ग्रामीण सड़क को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि समस्या का कोई निदान नहीं कर पाया है। ग्रामीणों ने अपने बच्चों को शिक्षा के लिए नहीं भेजा है, जब तक सड़क नहीं बन जाता, तब तक वह धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे।-महावीर सिंह, बिलखौरा खुर्द
सरकार एवं जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण काफी परेशान हैं। जब तक संपर्क मार्ग नहीं बन जाता, तब तक वह धरना-प्रदर्शन करेंगे। अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।-गौरीशंकर, बिलखौरा कलां
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