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कम बस यात्री की भरमार
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस डिपो को अगस्त 2022 के बाद से एक भी नई बसें नहीं मिली हैं। एक साल पहले 10 बसों की मांग भेजी गईं थी, जिनमें रक्षाबंधन से पहले दो बसें ही मिली थी। पांच पुरानी बसें नीलामी के लिए चली गईं।
उल्लेखनीय है कि हाथरस डिपो में वर्तमान में 72 बसें हैं। इनमें 71 का संचालन होता है। एक बस डिपो में ही खड़ी रहती है। बाकी बसों में भी अधिकतर जर्जर हालत में है। कई बार ये बसें रास्ते में ही बंद हो जाती हैं। यात्रियों को धक्का देकर उन्हें फिर से चालू करना पड़ता है। इसका खामियाजा सवारियों को भुगतना पड़ता है।
अगस्त में आई दो नई बसें, पांच गई नीलाम को
डिपो के अधिकारियों की मानें तो अगस्त में हाथरस डिपो में मात्र दो बसें आई। उसके बाद डिपो में अभी तक नई बसें नहीं आई। साथ ही पांच बसें नीलाम के लिए अलीगढ़ कार्यशाला चली गई है। इस कारण भी बसों की कमी हो गई है। डिपो के अधिकारी होली से पहले नई बसों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
लोकल व लंबे रूट पर जाने के लिए बसों के लिए इंतजार करना पड़ता है। डिपो में काफी बसें पुरानी जर्जर हालत में हैं। इस कारण सफर में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। – बृजेश यात्री
डिपो में नई बसें आए तब जाकर सफर में आसानी होगी। हाथरस से अभी कई रूटों पर बस सेवा का संचालन नहीं है। इस कारण भी दूरी तय करने में मुश्किलें झेलनी पड़ती है। – अजय, यात्री
एक तरफ रोडवेज सुगम सफर का वायदा करता है। वहीं दूसरी ओर काफी बसें पुरानी हैं। जो कि आए दिन बीच रास्ते में धोखा दे देती हैं। नई बसें आने से काफी राहत मिलेगी। – मनोज, यात्री
डिपो में बसों की कमी है। नई बसों की मांग भेजी गई है। उम्मीद है होली से पहले शायद बसें उपलब्ध हो जाएं। – सतेंद्र वर्मा, आरएम
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