High Court : नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहीं फर्मों पर कठोर दंड जरूरी, ठगी के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज

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Strict punishment is necessary on the firms doing fraud in the name of jobs, bail application of the accused

अदालत।
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी या विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली मैनपॉवर कंसल्टेंट एजेंसियों और फर्मों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जरूरत बताई है। कोर्ट ने कहा कि यह अपराध समाज में घातक असर डाल रहा है। इससे दढ़ता से निपटना चाहिए। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को आदेश की प्रति भेजने का निर्देश भी दिया है।

न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की कोर्ट ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के जौनपुर निवासी आरोपी हिमांशु कनौजिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी। हिमांशु के खिलाफ ठगी समेत कई मामलों में कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज है। आरोप है कि उसने 1.60 लाख खाते में और चार लाख रुपये नकद लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। वह एक दिसंबर 2023 से जेल में है।

जमानत अर्जी लेकर हाईकोर्ट आए उसके अधिवक्ता विजय प्रकाश सिंह और शासकीय अधिवक्ता अरुणेश कुमार सिंह ने अपनी दलीलें रखीं। कोर्ट ने कहा कि आजकल बेरोजगारी को युवा अलग ही ढंग से देखते हैं। उन्हें लगता है कि बेरोजगारी से अच्छा तो मर जाना है। इसी कारण हर युवा अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है, जिसका फायदा फर्जी मैनपॉवर कंसल्टेंट एजेंसियों और भर्ती फर्मों के लोग उठाते हैं।

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