मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग। – फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम के बाहर राजनीतिक दलों की ओर से टेंट लगाना नियमों का उल्लंघन नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन भी है कि उम्मीदवार के प्रतिनिधि पूर्व सूचना पर स्ट्रांग रूम के बाहर निर्धारित दूरी पर टेंट लगा सकते हैं। कंट्रोल रूम में जाकर सीसीटीवी के जरिये स्ट्रांग रूम को देख भी सकते हैं। यह जानकारी उन्होंने मंगलवार को एक वेब न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान दी। बता दें कि भाजपा की ओर से कांग्रेस पर प्रदेश भर में स्ट्रांग रूम के बाहर टेंट लगाकर निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।
इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों को स्ट्रांग रूम के बाहर टेंट या तंबू लगाने की मनाही नहीं है। उन्होंने भाजपा की ओर से नाहन विधानसभा क्षेत्र को लेकर की गई शिकायत पर कहा कि कंट्रोल रूम से स्ट्रांग रूम को देख सकते हैं। ऐसा कोई मामला नहीं आया है कि वे अंदर चले गए हैं। शिकायतों के निपटारे के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार की काम करें।
49,917 दिव्यांग मतदाताओं ने पोलिंग बूथों पर डाले वोट विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में 56,343 दिव्यांग मतदाताओं में से लगभग 49, 917 मतदाताओं ने पोलिंग बूथों पर मतदान किया। पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प चुनने वाले 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट जारी किए गए थे, जिनमें से 6,426 ने ही घर से वोट डाला। इस श्रेणी में 98.5 प्रतिशत पोस्टल बैलेट डाले जा चुके हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार राज्य चुनाव विभाग ने विकलांग मतदाताओं के लिए फार्म 12-डी और डाक मतपत्र प्रदान करने सहित मतदान केंद्रों में सभी सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया गया था। आयोग ने राज्य में पहली बार डाक मतपत्रों के माध्यम से विशेष श्रेणी के मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया था।
धर्मपुर और घुमारवीं के बाद अब कांग्रेस ने सुंदरनगर में भी स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की निगरानी के लिए तंबू गाड़ दिया है। बहु तकनीकी संस्थान के भवन में ईवीएम की सुरक्षा का मामला उठाते हुए युवा कांग्रेस ने निर्वाचन अधिकारी सुंदरनगर से भवन के समक्ष अपना तंबू लगाने का आग्रह किया था। मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को राजकीय बहुतकनीकी परिसर में युवा कांग्रेस ने अपना तंबू गाड़ दिया। सुंदरनगर से कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल ठाकुर के बेटे निखिल ठाकुर ने कहा कि पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने इतने घोटाले और भ्रष्टाचार किए हैं कि अब उन्हें ईवीएम की सुरक्षा को लेकर भी संदेह हो रहा है। जीत हासिल करने के लिए भाजपा नेता सत्ता का दुरुपयोग कर किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला समेत ऐसे कई मामले हैं, जिन्हें लेकर लोगों को भाजपा सरकार पर विश्वास नहीं रहा है। ऐसे में अर्धसैनिक बलों और पुलिस की सुरक्षा पर भी उन्हें संदेह है। यही कारण है कि उन्होंने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर तंबू लगाया है। तंबू में पांच बिस्तरों की व्यवस्था है। हर समय कम से कम पांच युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ईवीएम की सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। उधर, निर्वाचन अधिकारी धर्मेश रामोत्रा ने बताया कि युवा कांग्रेस के आवेदन को मंजूरी दी गई है। ईवीएम की सुरक्षा के लिए 24 घंटे अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। सीसीटीवी कैमरों से भी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है।
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हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम के बाहर राजनीतिक दलों की ओर से टेंट लगाना नियमों का उल्लंघन नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन भी है कि उम्मीदवार के प्रतिनिधि पूर्व सूचना पर स्ट्रांग रूम के बाहर निर्धारित दूरी पर टेंट लगा सकते हैं। कंट्रोल रूम में जाकर सीसीटीवी के जरिये स्ट्रांग रूम को देख भी सकते हैं। यह जानकारी उन्होंने मंगलवार को एक वेब न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान दी। बता दें कि भाजपा की ओर से कांग्रेस पर प्रदेश भर में स्ट्रांग रूम के बाहर टेंट लगाकर निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।
इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों को स्ट्रांग रूम के बाहर टेंट या तंबू लगाने की मनाही नहीं है। उन्होंने भाजपा की ओर से नाहन विधानसभा क्षेत्र को लेकर की गई शिकायत पर कहा कि कंट्रोल रूम से स्ट्रांग रूम को देख सकते हैं। ऐसा कोई मामला नहीं आया है कि वे अंदर चले गए हैं। शिकायतों के निपटारे के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार की काम करें।
49,917 दिव्यांग मतदाताओं ने पोलिंग बूथों पर डाले वोट
विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में 56,343 दिव्यांग मतदाताओं में से लगभग 49, 917 मतदाताओं ने पोलिंग बूथों पर मतदान किया। पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प चुनने वाले 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट जारी किए गए थे, जिनमें से 6,426 ने ही घर से वोट डाला। इस श्रेणी में 98.5 प्रतिशत पोस्टल बैलेट डाले जा चुके हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार राज्य चुनाव विभाग ने विकलांग मतदाताओं के लिए फार्म 12-डी और डाक मतपत्र प्रदान करने सहित मतदान केंद्रों में सभी सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया गया था। आयोग ने राज्य में पहली बार डाक मतपत्रों के माध्यम से विशेष श्रेणी के मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया था।