Himachal Election Result: प्रियंका गांधी ने हिमाचल में ऐसे बदला पूरा चुनाव, कांग्रेस में बढ़ेगा कद

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आखिरकार कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जीत ही लिया। तमाम कोशिशों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी यहां 26 सीट तक ही पहुंच पाई। कांग्रेस की इस जीत में प्रियंका गांधी की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। यह पहला ऐसा चुनाव है, जहां गांधी परिवार से अकेले प्रियंका गांधी ने ही पूरे चुनाव प्रचार की कमान संभाली।

हिमाचल का पूरा चुनाव प्रचार भी प्रियंका गांधी के चेहरे पर ही हुआ। सोशल मीडिया से लेकर पोस्टर-बैनर तक पार्टी ने प्रचार-प्रसार के लिए प्रियंका का चेहरा ही आगे किया। प्रियंका ने भी 20 दिन के अंदर सात बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित किया। प्रत्याशियों के चयन में भी वे शामिल रहीं।  

 

कांग्रेस की इस जीत के क्या मायने हैं? 

इसे समझने के लिए हमने हिमाचल के वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण गोपाल से बात की। उन्होंने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश की इस जीत ने कांग्रेस को ऑक्सीजन दे दी है। जिस तरह दक्षिण के राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक उत्साह आया है, उसी तरह हिमाचल की जीत ने उत्तर भारत के राज्यों में कांग्रेस को नई हवा दी है। इस जीत का फायदा कांग्रेस को अगले साल राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव में मिल सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी के चेहरे का ही इस्तेमाल किया। कांग्रेस के सभी पोस्टर-बैनर में प्रियंका गांधी की बड़ी तस्वीरें लगाई गईं थीं। प्रियंका ने 20 दिन के अंदर सिरमौर, ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन जैसे क्षेत्रों में सात बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जनता से एक अलग तरह का कनेक्शन बनाया। वह जनता के बीच जाकर उनसे मुलाकात करती थीं और सीधे संवाद करती थीं। लोगों को उनका यह तरीका खूब पसंद आया। खासतौर पर युवाओं और महिलाओं में उनका क्रेज बन गया।’

 

प्रियंका ने कैसे बदला हिमाचल का खेल

14 अक्तूबर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए एलान हुआ था। तब राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भारत जोड़ो यात्रा में जुटे थे। उस दौरान प्रियंका गांधी ने हिमाचल चुनाव की कमान संभाल ली। राजीव शुक्ला, प्रतिभा सिंह और भूपेश बघेल के साथ मिलकर चुनाव प्रचार-प्रसार की रूपरेखा तय की। 

 

बताया जाता है कि प्रियंका ने उन सभी मुद्दों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कराया, जिनसे कांग्रेस शासित राज्यों में लोगों को फायदा मिल रहा है। मसलन पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने, 300 यूनिट बिजली मुफ्त करने, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये, पशुपालकों से दो रुपये किलो की दर पर गोबर खरीदने, हर दिन दस लीटर दूध खरीदने जैसी योजनाओं को घोषणा पत्र में शामिल कराया। प्रियंका का सबसे बड़ा वादा सरकार बनते ही एक लाख युवाओं को रोजगार देने का था। इसे लोगों ने हाथों-हाथ लिया। प्रियंका का मिलनसार स्वभाव और भाषण देने की शैली ने युवाओं के दिल में जगह बना ली। 

 

तो क्या अब पार्टी में बढ़ेगा कद? 

यही सवाल हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा, ‘प्रियंका ने अकेले के दम पर कांग्रेस को चुनाव जिताया है। हिमाचल में गांधी परिवार से इकलौती प्रियंका ही थीं। ऐसे में जरूर उनके कद को लेकर अब पार्टी में फिर से चर्चाएं शुरू हो जाएंगी। कांग्रेस में भले ही अध्यक्ष बदल गया हो, लेकिन अभी भी गांधी परिवार की अहमियत काफी है। बगैर गांधी परिवार के कांग्रेस की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में आने वाले दिनों में स्वभाविक है कि पार्टी में प्रियंका का कद बढ़ाया जा सकता है और उन्हें अन्य राज्यों की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।’



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