Himachal Election Result: राकेश सिंघा की बची जमानत और इन 10 प्रत्याशियों की हुई जब्त

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माकपा के  ठियोग से प्रत्याशी रहे राकेश सिंघा

माकपा के  ठियोग से प्रत्याशी रहे राकेश सिंघा
– फोटो : अमर उजाला

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के  ठियोग से प्रत्याशी राकेश सिंघा ही अपनी जमानत बचा पाए, जबकि अन्य दस उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। पार्टी में सिंघा को सबसे अधिक 12,210 वोट मिले और करसोग से  किशोरी लाल को 480 सबसे कम वोट पड़े। माकपा का वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत 1.4 फीसदी रहा, जो इस बार 0.7 फीसदी तक सिमटकर रह गया।  माकपा को चुनाव में कम वोटर मिलने के पीछे दलील दी जा रही है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर कांग्रेस को वोटरों ने अधिक वोट डाले।

 शिमला से टिकेंद्र पंवर को 1400 वोट मिले। जबकि कसुम्पटी से चुनाव लड़े कुलदीप तंवर को 2671, ठियोग से राकेश सिंघा को 12,210,  जुब्बल कोटखाई से विशाल शांकटा को 1256,  आनी से देवकी नंद को 3,556 वोट मिले हैं। पच्छाद से चुनाव लड़े आशीष कुमार को  546 मत, कुल्लू से होतम सिंह सोंखला को 1102,  जोगिंद्रनगर से कुशाल भारद्वाज को 3137, हमीरपुर से कश्मीर सिंह ठाकुर को 625, सिराज से महेंद्र राणा को 818 वोट ही मिल पाए।  माकपा राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव वोटों का भाजपा और कांग्रेस के बीच ध्रुवीकरण हुआ है। लोगों ने मन बनाया हुआ था कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने हैं। इससे माकपा का मत फीसदी पिछले चुनाव के मुकाबले सिर्फ 0.7 फीसदी तक रहा। लोगों ने ओपीएस के लिए  कांग्रेस को वोट दिया है और इसका नुकसान माकपा को हुआ।  

प्रकाश राणा ने दूसरी बार जीत कर चाचा, भतीजे की राजनीति को किया खत्म
 विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर में भाजपा प्रत्याशी प्रकाश राणा की दूसरी बार बड़ी जीत दर्ज यहां चाचा-भतीजे की राजनीति को खत्म किया है। 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़कर प्रकाश ने गुलाब सिंह ठाकुर के शिकस्त दी। अब 2022 के  चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़कर गुलाब सिंह के भतीजे ठाकुर सुरेंद्र पाल को 4,300 मतों से मात दी है। दोनों ही दिग्गज नेता 40 साल से भाजपा और कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल करते रहे। 2017 के चुनाव में गुलाब सिंह ठाकुर के चुनाव हारने पर उन्हें इन चुनावों में भाजपा का टिकट नहीं मिला। वहीं, 2007, 12 के बाद 2022 में तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद हारे ठाकुर सुरेंद्र पाल के निकट भविष्य पर चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी विराम लग गया है। 

मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दामाद की भी जमानत जब्त
विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर में इस बार 11 प्रत्याशी चुनावी दंगल में कूदे थे। इनमें कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दामाद संजीव भंडारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। 68,260 मतों की मतगणना में संजीव भंडारी को कुल 369 मत पड़े।
 

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के  ठियोग से प्रत्याशी राकेश सिंघा ही अपनी जमानत बचा पाए, जबकि अन्य दस उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। पार्टी में सिंघा को सबसे अधिक 12,210 वोट मिले और करसोग से  किशोरी लाल को 480 सबसे कम वोट पड़े। माकपा का वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत 1.4 फीसदी रहा, जो इस बार 0.7 फीसदी तक सिमटकर रह गया।  माकपा को चुनाव में कम वोटर मिलने के पीछे दलील दी जा रही है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर कांग्रेस को वोटरों ने अधिक वोट डाले।

 शिमला से टिकेंद्र पंवर को 1400 वोट मिले। जबकि कसुम्पटी से चुनाव लड़े कुलदीप तंवर को 2671, ठियोग से राकेश सिंघा को 12,210,  जुब्बल कोटखाई से विशाल शांकटा को 1256,  आनी से देवकी नंद को 3,556 वोट मिले हैं। पच्छाद से चुनाव लड़े आशीष कुमार को  546 मत, कुल्लू से होतम सिंह सोंखला को 1102,  जोगिंद्रनगर से कुशाल भारद्वाज को 3137, हमीरपुर से कश्मीर सिंह ठाकुर को 625, सिराज से महेंद्र राणा को 818 वोट ही मिल पाए।  माकपा राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव वोटों का भाजपा और कांग्रेस के बीच ध्रुवीकरण हुआ है। लोगों ने मन बनाया हुआ था कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने हैं। इससे माकपा का मत फीसदी पिछले चुनाव के मुकाबले सिर्फ 0.7 फीसदी तक रहा। लोगों ने ओपीएस के लिए  कांग्रेस को वोट दिया है और इसका नुकसान माकपा को हुआ।  

प्रकाश राणा ने दूसरी बार जीत कर चाचा, भतीजे की राजनीति को किया खत्म

 विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर में भाजपा प्रत्याशी प्रकाश राणा की दूसरी बार बड़ी जीत दर्ज यहां चाचा-भतीजे की राजनीति को खत्म किया है। 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़कर प्रकाश ने गुलाब सिंह ठाकुर के शिकस्त दी। अब 2022 के  चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़कर गुलाब सिंह के भतीजे ठाकुर सुरेंद्र पाल को 4,300 मतों से मात दी है। दोनों ही दिग्गज नेता 40 साल से भाजपा और कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल करते रहे। 2017 के चुनाव में गुलाब सिंह ठाकुर के चुनाव हारने पर उन्हें इन चुनावों में भाजपा का टिकट नहीं मिला। वहीं, 2007, 12 के बाद 2022 में तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद हारे ठाकुर सुरेंद्र पाल के निकट भविष्य पर चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी विराम लग गया है। 

मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दामाद की भी जमानत जब्त

विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर में इस बार 11 प्रत्याशी चुनावी दंगल में कूदे थे। इनमें कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दामाद संजीव भंडारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। 68,260 मतों की मतगणना में संजीव भंडारी को कुल 369 मत पड़े।

 



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