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शराब
– फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश में एमएसपी (न्यूनतम विक्रय मूल्य) पर 10 से 30 फीसदी लाभांश पर ही कारोबारी शराब बेच सकेंगे। कर एवं आबकारी विभाग ने ओवरचार्जिंग रोकने को शराब ठेकों के बाहर विभिन्न श्रेणी के शराब ब्रांड को लेकर लाभांश की प्रतिशतता के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। इस साल से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ की तर्ज पर ठेकेदारों को खुद लाभांश तय करने का हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिकार दिया है। पहले शराब बोतलों पर एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) लिखा जाता था। अब शराब की बोतलों पर न्यूनतम विक्रय मूल्य ही प्रिंट किया गया है। एमएसपी से बहुत ज्यादा मार्जिन पर शराब बेचने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी भी दी गई है।
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