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मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना।
– फोटो : अमर उजाला
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भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में हुई आपदा के बाद राज्य सरकार ने निर्माण कार्यों के लिए पहाड़ियों के कटान पर रोक लगा दी है। प्रदेश में आगामी 16 सितंबर तक यह रोक लागू रहेगी। छह जिलों शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण पर रोक लगाई गई है। हालांकि आपदा प्रभावित इमारतों और सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों पर ये आदेश लागू नहीं होंगे।
सरकार ने संबंधित जिला उपायुक्तों को ये आदेश लागू करने का जिम्मा सौंपा है। साथ ही आदेशों की अवहेलना पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। गौर हो कि इस साल मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश से भूस्खलन, भूमि धंसाव, नदियों के किनारे कटाव से जन-धन की भारी हानि हुई है।
निर्माण कार्यों में बरती गई लापरवाही के कारण अधिक विनाश हुआ है। सड़कें ढहने से किसानों-बागवानों के लिए तैयार उपज मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। यातायात प्रभावित होने से कारोबार को करोड़ों की चपत लगी है। विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि मौजूदा समय में मिट्टी को स्थिर होने देना बहुत जरूरी है, इसलिए पहाड़ों की कटाई पर रोक लगनी चाहिए, जिसके बाद ये आदेश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में हुए भारी नुकसान के बाद आगामी 16 सितंबर तक निर्माण कार्यों के लिए पहाड़ियों के कटान पर रोक लगाई गई है। प्रदेश के छह जिलों शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा में यह रोक रहेगी। जिला उपायुक्तों को आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। – प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव
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