Himachal News: भारी बारिश से हिमाचल को 8,000 करोड़ का नुकसान, सीएम ने केंद्र से मांगी अंतरिम राहत

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estimated Rs 8,000 crore loss in Himachal due to heavy rains, landslide and floods, CM sought interim relief f

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में पत्रकार वार्ता की।
– फोटो : अमर उजाला

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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते आई आपदा से निपटने के लिए राहत कार्य चलाने के लिए सुक्खू सरकार ने अपने बजट से 1,100 करोड़ रुपये जारी किए हैं। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में पत्रकार वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि1,100 करोड़ में से 610 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग, 218 करोड़ रुपये जल शक्ति विभाग और 180 करोड़ रुपये एसडीआरएफ को जारी किए गए हैं। इसके अलावा 263 करोड़ रुपये की राशि जिला उपायुक्तों को पहले ही जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शुक्रवार सुबह ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर अंतरिम राहत के लिए 2,000 करोड़ रुपये देने की मांग की गई है। शाह ने बताया कि सोमवार को जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम शिमला आएगी। सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश से करीब 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान संभावित है।

सरकार ने आपदा कोष 2023 का गठन किया

इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने आपदा कोष 2023 का गठन किया है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने एक माह का वेतन इस कोष में देने का फैसला लिया है। भाजपा के विधायकों से भी वेतन देने का आग्रह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारी बारिश से चार दिनों के दौरान प्रदेश में 37 लोगों की जान गई है। वहीं 24 जून से अब तक 103 लोगों की जान जा चुकी है। 60 घंटों में करीब 67 हजार लोग विभिन्न क्षेत्रों से रेस्क्यू किए गए हैं। प्रदेश में 40 पुल टूटे हैं। 80 फीसदी पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। केंद्र सरकार से प्रदेश में हुई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात कर क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे और फोरलेन को जल्द दुरुस्त करने का आग्रह किया गया है। सीएम ने कहा कि आधारभूत ढांचे को ठीक करने में वक्त लगेगा।

अपने साधनों से राहत प्रदान कर रही है सरकार

मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा राहत कार्यों के लिए प्रदेश सरकार अभी तक अपने साधनों का ही इस्तेमाल कर रही है। केंद्र से जिस 180 करोड़ रुपये की सहायता राशि की बात कही जा रही है, वह प्रदेश सरकार को नियमित तौर पर मानसून सीजन के दौरान मिलती है। अभी तक केंद्र से नई वित्तीय मदद नहीं मिली है। 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली 315 करोड़ की राशि भी जारी नहीं हुई है। केंद्र सरकार से इस लंबित राशि को भी जारी करने की मांग की गई है।

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