Himachal Weather: हिमाचल में 122 वर्षों में सातवीं बार जुलाई में झमाझम बरसे बादल, कई रिकॉर्ड टूटे

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Himachal Weather: Himachal rains for the seventh time in 122 years in July

हिमाचल में 122 वर्षों में सातवीं बार झमाझम बरसे बादल।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने की प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हिमाचल प्रदेश में 122 वर्षों में सातवीं बार जुलाई में बादल झमाझम बरसे हैं। वर्ष 1901 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार 21वीं सदी में पहली बार इस साल जुलाई में भारी बारिश हुई है। वर्ष 2023 में प्रदेश में 43 वर्ष बाद जुलाई में 400 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। इससे पहले वर्ष 1914, 1925, 1946, 1949, 1958 और 1982 में जुलाई में अधिक बारिश हुई है।

24 घंटों में भारी बारिश का ऊना में 96, केलांग में 72 और मनाली में 52 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा।

ऊना में इस वर्ष 9 जुलाई को 228 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पूर्व 22 जुलाई, 1927 को 224 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मनाली में इस बार 9 जुलाई को 131 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पहले 9 जुलाई 1971 को 105 मिलीमीटर बारिश हुई थी। केलांग में 9 जुलाई को 83 मिलीमीटर बादल बरसे। इससे पहले 28 जुलाई, 1951 को यहां 78 मिलीमीटर बारिश हुई थी। शिमला जिला के रोहड़ू में 57, सिरमौर के पच्छाद में 50 और हमीरपुर के नादौन में 27 वर्षों का रिकॉर्ड भी टूटा।

आठ जिलों में पहली बार हुई सबसे अधिक बारिश

आठ जिलों बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में पहली बार जुलाई में सर्वाधिक बारिश हुई। बिलासपुर में 459, चंबा में 484, किन्नौर में 197, कुल्लू में 476, लाहौल-स्पीति में 156, शिमला में 584, सिरमौर में 1,097 और सोलन में 735 मिलीमीटर बारिश हुई। हमीरपुर और मंडी में दूसरी बार जुलाई में बादल झमाझम बरसे हैं। हमीरपुर में इस बार 479 और मंडी में 546 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पहले वर्ष 2006 में हमीरपुर में 482 और मंडी में 2005 में 561 मिलीमीटर बारिश हुई थी। कांगड़ा और ऊना में जुलाई में तीसरी बार सबसे अधिक बारिश हुई। कांगड़ा में इस बार 654 मिलीमीटर बारिश हुई, इससे पहले 2021 में 758 मिलीमीटर बारिश हुई थी। ऊना में इस बार 410 मिलीमीटर बादल बरसे। इससे पहले 2015 में 513 मिलीमीटर हुई थी।

जुलाई का वर्ष बारिश मिलीमीटर में

1914             495

1925             450

1946             462

1949             548

1958             452

1980             477

2023             437

मानसून और पश्चिमी विक्षोभ एक साथ रहे सक्रिय

प्रदेश में इस वर्ष जुलाई में मानसून काफी सक्रिय रहा। इस बीच पश्चिमी विक्षोभ का भी प्रदेश में प्रवेश हुआ। पश्चिमी विक्षोभ की प्रदेश में ऊंचाई भी कम रही। बंगाल की खाड़ी से आई तेज हवाएं भी सक्रिय रहीं। इन सभी कारकों के एक साथ मिलने से बादल झमाझम बरसे हैं। – सुरेंद्र पाल, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला

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