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Hit And Run Protest
– फोटो : amar ujala
विस्तार
बस चालकों की हड़ताल से सोमवार को रोडवेज की आय में 50 फीसदी असर पड़ा है। तीनों रीजन में करीब एक करोड़ रुपये की कमाई कम होने का अनुमान परिवहन निगम लगा रहा है।
वहीं, सुबह 6 बजे दिल्ली के लिए काठगोदाम डिपो की एक वॉल्वो बस रवाना जरुर हुई थी। इसके बाद एक साधारण बस भी दिल्ली के लिए निकली। वहीं काठगोदाम डिपो की ही चार बस नैनीताल और दो बस टनकपुर के लिए भी चली। निगम के पास प्रदेश भर में 1350 बसों का बेड़ा है, जिसमें से 1250 बसों का संचालन होता है। इससे निगम की हर दिन करीब 2 करोड़ रुपये की आय होती है। निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि बस संचालन बंद रहने से करीब एक करोड़ रुपये की आय कम होने का अनुमान है।
एआरएम हल्द्वानी सुरेंद्र बिष्ट की मानें तो हल्द्वानी डिपो की एक दिन में करीब 15 लाख और काठगोदाम डिपो की 17 लाख रुपये तक आय प्रभावित हुई है।
चेतावनी के बाद दिल्ली गईं तीन वॉल्वो
सोमवार रात दिल्ली के लिए तीन रोडवेज बसें भेजी गई। तीनों बसें अनुबंधित हैं जिसमें सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्री ही जा सके जबकि निगम की साधारण बस वापस डिपो भेज दी गईं। वॉल्वो बसों के जाने के पीछे निगम प्रबंधन के पत्र का हवाला दिया जा रहा है। जिसमें अनुबंधित संचालकों को निगम प्रबंधन ने बस न चलाने पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।
ट्रक चालक बोले, अब दूसरा काम पकड़ेंगे
- ट्रक चालक रिजवान खान ने कहा कि हिट एंड रन के नए नियम ने संकट पैदा कर दिया है। चार दिन से वाहन नहीं चला रहा हूं। अब गाड़ी चलाने में डर लग रहा है।
- शाहबाद समेत यूपी के कुछ जिलों में लकड़ी और अन्य सामग्री लेकर जाने वाले मो. अनवर ने बताया कि इस कानून के आने से वाहन चलाना सुरक्षित नहीं रह गया है। मुकदमे का डर अलग, स्वयं की जान को भी खतरा है। ऐसे में दूसरा काम पकड़ना ज्यादा अच्छा है।
ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के अनुसार, पहले ही दिन एक करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। हड़ताल दो दिन और चली तो न सिर्फ कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि महंगाई भी बढ़ जाएगी।
ट्रांसपोर्टर चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि हर रोज पहाड़ और मैदान के लिए 40 ट्रक जाते हैं। इस लिहाज से पहले ही दिन एक करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है।ट्रांसपोर्ट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह सेठी का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो ट्रांसपोर्ट कारोबार पर बड़ा असर होगा, जिसकी भरपाई मुश्किल हो जाएगी। वहीं, महामंत्री प्रदीप सब्बरवाल ने बताया कि ट्रक चालकों ने ट्रक खड़े कर दिए हैं। समाधान नहीं होने की दशा में दोबारा चालकों को खोजना मुश्किल हो जाएगा और नुकसान वाहन स्वामी को झेलना पड़ेगा।
रोडवेज यूनियन का समर्थन
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल को समर्थन दिया। यूनियन अध्यक्ष कमल पपनै ने कहा कि नया कानून व्यवहारिता के खिलाफ है। कोई चालक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता। कई बार सिर्फ चालक ही दोषी नहीं होता। मगर इस कानून के कारण कई चालक और उनके परिवार विपरीत परिस्थिति का शिकार हो सकते हैं।
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