HP High Court: जांगला स्कूल का विज्ञान भवन- लापरवाह ठेकेदारों के लिए कड़े प्रावधान बनाए सरकार

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himachal high court order on jangla school building negligence of contractor

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्याप्त धनराशि के बावजूद जांगला स्कूल का विज्ञान भवन न बनाने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने ऐसे लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ कड़े प्रावधान बनाने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मुख्य सचिव से इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। मामले की सुनवाई 11 जुलाई को निर्धारित की गई है।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि ठेकेदारों की लापरवाही के कारण परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है। ऐसे में ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान बनाने की जरूरत है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा को इस जनहित मामले की पैरवी के लिए कोर्ट मित्र नियुक्त किया है।

अदालत ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वे निजी तौर पर इस मामले को देखें ताकि ठेकेदारों की वजह से किसी भी परियोजना का निर्माण कार्य न रुके। अदालत को बताया गया था कि लापरवाह ठेकेदार से निविदा राशि का दो फीसदी जब्त किया जाता है, जबकि अदालत ने कहा था कि दो फीसदी जब्त किया जाना बहुत ही कम है।

समय पर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार को ऐसे प्रावधानों पर दोबारा विचार करने की जरुरत है। जांगला स्कूल में विज्ञान भवन न बनाए जाने पर कानून की छात्रा अस्मिता ने जनहित में याचिका दायर की है।

आरोप लगाया गया है कि चिड़गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल जांगला में विज्ञान भवन बनाने के लिए 2.8 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है, लेकिन अभी तक इस भवन का निर्माण नहीं किया गया है। विज्ञान भवन के अभाव के चलते छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।

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