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विधायक सुंदर सिंह ठाकुर
– फोटो : अमर उजाला
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पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयानों पर कांग्रेस के तीन विधायक राजेश धर्माणी, संजय रत्न और सुंदर सिंह ठाकुर बिफर गए हैं। विधायकों ने बुधवार को शिमला से जारी बयान में कहा कि चुनावी प्रलोभन देने को भाजपा सरकार ने बिना बजट प्रावधान के कई संस्थान खोले थे। केंद्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए भाजपा नेता अब तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। विधायकों ने कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटी को तय समय के भीतर पूरा करने का वचन भी दोहराया है।
विधायक राजेश धर्माणी, संजय रत्न और सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेता वर्तमान प्रदेश सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का गलत आरोप लगा रहे हैं। भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में चुनावी लाभ लेने के लिए प्रदेश में कई संस्थानों को खोलने और स्तरोन्नत करने की घोषणा कर दी। इन संस्थानों के लिए बजट तक का प्रावधान नहीं किया गया था।
इनका एकमात्र लक्ष्य लोगों को झूठे चुनावी प्रलोभन देकर भ्रमित करना था। उन्होंने कहा कि बिना सोचे-समझे और नियमों के खिलाफ खोले गए सभी संस्थानों का उद्देश्य केवल मतदाताओं को लुभाना मात्र ही था। जनता की मांग और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक भी नया संस्थान नहीं खोला गया और न ही स्तरोन्नत किया गया। उन्होंने कहा कि बिना बजट एवं योजना के खोले गए ऐसे संस्थानों को राज्य सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है। इन सभी की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद यदि कोई संस्थान व्यावहारिक पाए जाते हैं, तो सरकार उचित बजट प्रावधान कर उन्हें फिर से खोलने पर विचार कर सकती है। विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पिछले भाजपा कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय राज्य में भाजपा ने सत्तासीन होते ही पिछली कांग्रेस सरकार के लगभग सभी विकासोन्मुखी निर्णयों को रद्द कर दिया था।
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