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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल
– फोटो : अमर उजाला
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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार के मंत्री जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वह लोकतंत्र में अवांछनीय और अनापेक्षित है। उन्होंने पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की भाजपा विधायक बलवीर वर्मा पर की टिप्पणी को अमर्यादित और लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया। अनिरुद्ध का कहना कि बलवीर वर्मा भीख का कटोरा लेकर मुख्यमंत्री के साथ घूमते रहे, यह अपमानजनक है।
भाजपा इन शब्दों की कड़ी निंदा करती है। बलवीर वर्मा को चौपाल की जनता ने बहुमत देकर चुना है। बिंदल ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या वे सिर्फ कांग्रेसियों के मुख्यमंत्री है? क्या कांग्रेसी विधायकों के विधानसभा क्षेत्र ही हिमाचल का हिस्सा है, भाजपा व अन्य दलों के विधायकों के वह मुख्यमंत्री नहीं है, सरकारी खजाने से विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री धन आबंटित करना है तो क्या वो जनता के लिए भीख है? बिंदल ने कहा है कि बलवीर वर्मा के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करने पर अनिरुद्ध सिंह को खेद व्यक्त करना चाहिए।
सड़कों की हालत नहीं सुधार पा रही सरकार: संदीपनी
भाजपा प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा है कि लाख दावों के बाद भी सरकार सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की हालत नहीं सुधार पाई है। शिमला के कुमारसैन में सड़कों की दशा खराब है। एक महीने से आपदा की स्थिति है लेकिन ठियोग-कुमारसैन की समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। संदीपनी ने मुख्यमंत्री सुक्खू के दौरे को खानापूर्ति करार दिया है।
आपदा की इस घड़ी में सरकार और विपक्ष मिलकर करें काम
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही हुई है। इसमें कितने ही लोग हादसों में मारे गए। परिवार के परिवार मलबे में दब गए। इस अभूतपूर्व आपदा में सब दुखी परिवारों से संवेदना प्रकट करता हूं और सभी हिमाचल वासियों से प्रार्थना करूंगा कि सरकार की अधिक से अधिक आर्थिक सहायता करें। उन्होंने सरकार और विपक्ष से विशेष आग्रह किया है कि इस मौके पर सरकार विपक्ष से सहयोग ले और पूरा विपक्ष सरकार की मदद करे। सरकार बहुत अच्छे तरीके से काम कर रही है। जिस तरीके से हजारों पर्यटकों को दुर्गम इलाकों से निकाला गया है , उसके लिए मैं सरकार को बहुत बधाई देता हूं। उहोंने कहा कि आपदा की घड़ी में ऐसा लगे कि प्रदेश में न कोई पक्ष है और न कोई विपक्ष।
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