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बृहस्पतिवार को ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, राममणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों ने साधकों को विभिन्न यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया।
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आर्ट ऑफ लिविंग ने ध्यान सत्र का आयोजन किया। महोत्सव में आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से नाड़ी परीक्षण सत्र आयोजित हुआ। डा. उर्मिला पांडेय की ओर से कॉस्मिक हिलिंग सत्र का आयोजन किया गया।
जिसमें उन्होंने साधकों को शारीरिक एवं मानसिक रोग संबंधी नकारात्मक ऊर्जा को योग एवं कॉस्मिक हीलिंग के माध्यम से खत्म कर सकारात्मक ऊर्जा में बदलने पर जोर दिया। सत्र में साधकों ने ध्यान योग के माध्यम से अपने तन, मन और आत्मा को पवित्र किया। इसके अलावा आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से जोड़ों के दर्द के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किया गया।
दोपहर में आयोजित सत्र में विशेषज्ञ डाॅ. बेरोनिक निकोलई की ओर से शरीर और मन को शांति प्रदान करने के साथ ही निरोगी रहने के लिए प्रणायाम एवं आसन की विस्तृत जानकारी दी गई। योग महोत्सव के सायंकालीन कार्यक्रमों में गंगा आरती के बाद संगीतमय गाथा के माध्यम से कलाकारों की ओर से सीता स्वयंवर की भक्तिमय प्रस्तुति हुई।
युवा कालाकारों ने पंजाबी गतका की रोमांचकारी प्रस्तुति दी, जिसमें नृत्य एवं भारतीय मार्शल आर्ट का समावेश था। वहीं, उत्तराखंड विश्व की योग राजधानी विषय पर एक पैनल परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।
इसमें उत्तराखंड राज्य की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर, शिवानंद आश्रम की मारिया पॉली, योग एवं कॉस्मिक हीलिंग विशेषज्ञ डाॅ. उर्मिला पांडेय तथा डाॅ. प्रिया अहूजा ने शिरकत की। उत्तराखंड की अनोखी योग विरासत के साथ देश-विदेश से मन की शांति की खोज में आए लोगों को राज्य की ओर से शरण दिया जाना, योग की ओर से रोजगार सृजन आदि के विषय में विशेषज्ञों ने जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में तीसरे दिन शुक्रवार को योग सत्र व नाड़ी परीक्षण के अलावा कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। डाॅ. उर्मिला पांडे प्राणिक नींद पर सत्र लेंगी। इसके अतिरिक्त बॉडी माइंड एंड सोल द ट्रायंगल ऑफ लाइफ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया जाएगा।
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