Jammu Kashmir:चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ भारत-तिब्बत संघ बुलंद करेगा आवाज, जम्मू में कार्यक्रम आज से

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तिब्बत के लोग रैली निकालते हुए

तिब्बत के लोग रैली निकालते हुए
– फोटो : संवाद

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तिब्बत को चीन के अवैध कब्जे से मुक्त करवाने और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन की बंदिशों के खिलाफ विश्व भर को संदेश देने के लिए भारत तिब्बत संघ 17 दिसंबर शनिवार को जम्मू से आवाज उठाएगा।

संघ की तरफ से इस संबंध में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जम्मू विश्वविद्यालय के ब्रिगेडियर राजिंद्र सिंह सभागार में किया जा रहा है। भारत तिब्बत संघ के उत्तर क्षेत्र के प्रभारी डॉ. कुलदीप शर्मा के अनुसार सम्मेलन में तिब्बत के प्रधानमंत्री पेनपा सीरिंग ला मुख्य अतिथि होंगे।

भारत तिब्बत संघ के देश व विदेश से प्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। शर्मा का कहना है कि चीन की तानाशाही और विस्तारवाद की नीति से पड़ोसी देशों के अलावा पूरा विश्व दुखी है। हमारे पड़ोसी मुल्क तिब्बत पर चीन ने अवैैध रूप से कब्जा किया हुआ है।

तिब्बत जम्मू कश्मीर के साथ सटा हुआ देश है। महात्मा बुद्ध के शांति के रास्ते पर चलने वाले तिब्बत के लोगों पर चीन जुल्म ढाता रहा है। तिब्बत में चीन की सेना की मौजूदगी भारत के लिए भी खतरा रही है। तिब्बत की आजादी के लिए विश्व भर को जागृत करना समय की जरूरत है। 

इसके अलावा भगवान शिव के निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन ने कई तरह की बंदिशें लगा रखी हैं। भारत ही नहीं विश्व के विभिन्न देशों में रह रहे हिंदु चाहते हैं कि कैलाश मानसरोवर को चीन के कब्जे से मुक्त किया जाए और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भारत का प्रभुत्व हो।

इन दो अहम विषयों पर जम्मू विश्वविद्यालय के ब्रिगेडियर राजिंद्र सिंह सभागार में 17 दिसंबर से होने जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में चर्चा होगी और प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। 

जम्मू विश्वविद्यालय के बौद्ध शिक्षा विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। भारत तिब्बत संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेजर जनरल रिटायर्ड निलेंद्र कुमार सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। सम्मेलन में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील भी देशवासियों से की जाएगी ताकि चीन की आर्थिक हालत को कमजोर कर उसकी मनमानी पर रोक लगाई जा सके।

विस्तार

तिब्बत को चीन के अवैध कब्जे से मुक्त करवाने और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन की बंदिशों के खिलाफ विश्व भर को संदेश देने के लिए भारत तिब्बत संघ 17 दिसंबर शनिवार को जम्मू से आवाज उठाएगा।

संघ की तरफ से इस संबंध में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जम्मू विश्वविद्यालय के ब्रिगेडियर राजिंद्र सिंह सभागार में किया जा रहा है। भारत तिब्बत संघ के उत्तर क्षेत्र के प्रभारी डॉ. कुलदीप शर्मा के अनुसार सम्मेलन में तिब्बत के प्रधानमंत्री पेनपा सीरिंग ला मुख्य अतिथि होंगे।

भारत तिब्बत संघ के देश व विदेश से प्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। शर्मा का कहना है कि चीन की तानाशाही और विस्तारवाद की नीति से पड़ोसी देशों के अलावा पूरा विश्व दुखी है। हमारे पड़ोसी मुल्क तिब्बत पर चीन ने अवैैध रूप से कब्जा किया हुआ है।

तिब्बत जम्मू कश्मीर के साथ सटा हुआ देश है। महात्मा बुद्ध के शांति के रास्ते पर चलने वाले तिब्बत के लोगों पर चीन जुल्म ढाता रहा है। तिब्बत में चीन की सेना की मौजूदगी भारत के लिए भी खतरा रही है। तिब्बत की आजादी के लिए विश्व भर को जागृत करना समय की जरूरत है। 

इसके अलावा भगवान शिव के निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चीन ने कई तरह की बंदिशें लगा रखी हैं। भारत ही नहीं विश्व के विभिन्न देशों में रह रहे हिंदु चाहते हैं कि कैलाश मानसरोवर को चीन के कब्जे से मुक्त किया जाए और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भारत का प्रभुत्व हो।

इन दो अहम विषयों पर जम्मू विश्वविद्यालय के ब्रिगेडियर राजिंद्र सिंह सभागार में 17 दिसंबर से होने जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में चर्चा होगी और प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। 

जम्मू विश्वविद्यालय के बौद्ध शिक्षा विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। भारत तिब्बत संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेजर जनरल रिटायर्ड निलेंद्र कुमार सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। सम्मेलन में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील भी देशवासियों से की जाएगी ताकि चीन की आर्थिक हालत को कमजोर कर उसकी मनमानी पर रोक लगाई जा सके।



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