Jammu Kashmir: जम्मू कृत्रिम झील परियोजना का काम प्रगति पर, 13 साल की देरी से निर्माण शुरू

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तवी नदी

तवी नदी
– फोटो : Amar Ujala

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जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जा रही तवी कृत्रिम झील के निर्माण का काम 13 वर्षों की देरी के बाद आखिरकार शुरू हो गया है। तवी नदी में कृत्रिम झील एवं रिवर फ्रंट सौंदर्यीकरण का कार्य 280 करोड़ रुपये की लागत किया जा रहा है।

मेयर राजिंदर शर्मा ने बताया कि कृत्रिम झील को अप्रैल 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा तवी नदी पर तट संरक्षण, साबरमती की तर्ज पर तवी रिवर फ्रंट का विकास भी शामिल है। उन्होंने बताया कि देरी के बाद ही काम फिर से शुरू करवाया गया है।

यह एक मुश्किल काम है लेकिन उम्मीद है कि यह तय समय सीमा तक पूरा हो जाएगा। मेयर ने कहा कि झील जम्मू के पर्यटन परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देगी। मंदिरों के शहर के तौर पर पहचान रखने वाले जम्मू में बन रही झील में कईशानदार आकर्षण होंगे।  

झील परियोजनाओं के विशेषज्ञ इन्दिरेश प्रजापति ने कहा कि काम जोरों पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि पानी का चैनलाइजेशन, तटबंध निर्माण और पानी का डायवर्जन किया जा रहा है। वर्ष 1986 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने झील परियोजना को अपनी स्वीकृति दी थी।

राज्य सरकार ने काफी देरी के बाद 2008-09 में निर्माण परियोजना शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि परियोजना योजना के अनुसार, मुख्य तवी पुल से एक किमी नीचे तवी नदी पर एक ऑटो-मैकेनिकल बैराज का निर्माण किया जाएगा। इससे बेलिचराना में एक कृत्रिम झील बनाने में मदद मिलेगी।

अपनी तरह की पहली 1,500 मीटर लंबी और 600 मीटर चौड़ी कृत्रिम झील जम्मू शहर में पर्यटन को एक नया आयाम देगी।  सीईओ, स्मार्ट सिटी जम्मू लिमिटेड राहुल यादव ने देरी के बारे में बताया कि पहले कोई टेंडर नहीं हुआ था। अब टेंडर हो गया है। परियोजना के लिए धन उपलब्ध है और काम तेज गति से चल रहा है। 

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जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जा रही तवी कृत्रिम झील के निर्माण का काम 13 वर्षों की देरी के बाद आखिरकार शुरू हो गया है। तवी नदी में कृत्रिम झील एवं रिवर फ्रंट सौंदर्यीकरण का कार्य 280 करोड़ रुपये की लागत किया जा रहा है।

मेयर राजिंदर शर्मा ने बताया कि कृत्रिम झील को अप्रैल 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा तवी नदी पर तट संरक्षण, साबरमती की तर्ज पर तवी रिवर फ्रंट का विकास भी शामिल है। उन्होंने बताया कि देरी के बाद ही काम फिर से शुरू करवाया गया है।

यह एक मुश्किल काम है लेकिन उम्मीद है कि यह तय समय सीमा तक पूरा हो जाएगा। मेयर ने कहा कि झील जम्मू के पर्यटन परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देगी। मंदिरों के शहर के तौर पर पहचान रखने वाले जम्मू में बन रही झील में कईशानदार आकर्षण होंगे।  

झील परियोजनाओं के विशेषज्ञ इन्दिरेश प्रजापति ने कहा कि काम जोरों पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि पानी का चैनलाइजेशन, तटबंध निर्माण और पानी का डायवर्जन किया जा रहा है। वर्ष 1986 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने झील परियोजना को अपनी स्वीकृति दी थी।

राज्य सरकार ने काफी देरी के बाद 2008-09 में निर्माण परियोजना शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि परियोजना योजना के अनुसार, मुख्य तवी पुल से एक किमी नीचे तवी नदी पर एक ऑटो-मैकेनिकल बैराज का निर्माण किया जाएगा। इससे बेलिचराना में एक कृत्रिम झील बनाने में मदद मिलेगी।

अपनी तरह की पहली 1,500 मीटर लंबी और 600 मीटर चौड़ी कृत्रिम झील जम्मू शहर में पर्यटन को एक नया आयाम देगी।  सीईओ, स्मार्ट सिटी जम्मू लिमिटेड राहुल यादव ने देरी के बारे में बताया कि पहले कोई टेंडर नहीं हुआ था। अब टेंडर हो गया है। परियोजना के लिए धन उपलब्ध है और काम तेज गति से चल रहा है। 



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