Jammu Kashmir DGP: कश्मीर में स्थानीय आतंकियों की संख्या दो अंकों तक सिमटी, विदेशियों को किया जा रहा ट्रैक

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डीजीपी दिलबाग सिंह

डीजीपी दिलबाग सिंह
– फोटो : संवाद

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जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या दो अंकों (डबल डिजिट) में सिमट गई है। वही, विदेशी (पाकिस्तानी) आतंकी भी कम संख्या में सक्रिय हैं, जिन्हें ट्रैक किया जा रहा है।

उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा, आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं और बहुत जल्द शेष आतंकवादियों को भी खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक समय उत्तरी कश्मीर आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित था और वर्तमान में यह जगह लगभग शांतिपूर्ण है और अब आतंकवाद का प्रभाव कम है।

हाइब्रिड आतंकवाद के बारे में डीजीपी ने कहा कि यह एक चुनौती रही है क्योंकि सीमा पार के आका युवाओं को हथियार और लक्ष्य देकर लुभा रहे थे। हम इस चुनौती का सामना करने में काफी हद तक सफल रहे हैं। इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में हाइब्रिड आतंकवादियों के 100 से अधिक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है।

कश्मीर फाइट ब्लॉग के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एलओसी के पार बैठे कुछ तत्व कश्मीर में शांति को पचा नहीं पा रहे हैं। इसलिए पुलिस, मीडिया कर्मियों और यहां तक कि जनप्रतिनिधियों को भी धमकियां देते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम पहले ही ब्लॉग और इसे चलाने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुके हैं। इस ब्लॉग को हैंडल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने अपने इस दौरे के दौरान उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की।

विस्तार

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या दो अंकों (डबल डिजिट) में सिमट गई है। वही, विदेशी (पाकिस्तानी) आतंकी भी कम संख्या में सक्रिय हैं, जिन्हें ट्रैक किया जा रहा है।

उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा, आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं और बहुत जल्द शेष आतंकवादियों को भी खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक समय उत्तरी कश्मीर आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित था और वर्तमान में यह जगह लगभग शांतिपूर्ण है और अब आतंकवाद का प्रभाव कम है।

हाइब्रिड आतंकवाद के बारे में डीजीपी ने कहा कि यह एक चुनौती रही है क्योंकि सीमा पार के आका युवाओं को हथियार और लक्ष्य देकर लुभा रहे थे। हम इस चुनौती का सामना करने में काफी हद तक सफल रहे हैं। इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में हाइब्रिड आतंकवादियों के 100 से अधिक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है।

कश्मीर फाइट ब्लॉग के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एलओसी के पार बैठे कुछ तत्व कश्मीर में शांति को पचा नहीं पा रहे हैं। इसलिए पुलिस, मीडिया कर्मियों और यहां तक कि जनप्रतिनिधियों को भी धमकियां देते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम पहले ही ब्लॉग और इसे चलाने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुके हैं। इस ब्लॉग को हैंडल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने अपने इस दौरे के दौरान उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की।



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