Jitiya Vrat 2022: जीवित्पुत्रिका व्रत नहाय खाय, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, पारण का समय नोट कर लें

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Jitiya Date Muhurat

जितिया व्रत तिथि, मुहूर्त:

जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाए से होती है.

इस साल 17 सितंबर 2022 शनिवार को नहाए खाए होगा.

18 सितंबर 2022 रविवार को निर्जला व्रत रखा जाएगा .

19 सितंबर को सूर्य उदय के बाद व्रत का पारण किया जाएगा.

Jitiya Vart Nahay Khay

जितिया व्रत नहाय खाय: सप्तमी के दिन नहाय खाय का नियम होता है. नहाय खाय की रात को छत पर जाकर चारों दिशाओं में कुछ खाना रख दिया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यह खाना चील व सियारिन के लिए रखा जाता है. जितिया व्रत निर्जला उपवास करने से एक दिन पहले नहाय खाय कि विधि की जाती है. इसमें सुबह सबसे पहले स्नान किया जाता है उसके बाद कई जगह व्रती मछली, मडुआ की रोटी खाती हैं.

Jitiya Vrat Puja Samagri

जितिया व्रत पूजा सामग्री: इस व्रत में भगवान जीमूत वाहन, गाय के गोबर से चील-सियारिन की पूजा का विधान है. जीवित्पुत्रिका व्रत में खड़े अक्षत(चावल), पेड़ा, दूर्वा की माला, पान, लौंग, इलायची, पूजा की सुपारी, श्रृंगार का सामान, सिंदूर, पुष्प, गांठ का धागा, कुशा से बनी जीमूत वाहन की मूर्ति, धूप, दीप, मिठाई, फल, बांस के पत्ते, सरसों का तेल, खली, गाय का गोबर पूजा में जरूरी है.

Jitiya Puja Vidhi

जितिया व्रत पूजा विधि: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें. इसके लिए कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें. इस व्रत में मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है. इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है. पारण के बाद यथाशक्ति दान और दक्षिणा दें.

Jitiya Vrat Katha

जितिया व्रत कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत के युद्ध में जब द्रोणाचार्य का वध कर दिया गया तो उनके पुत्र आश्वत्थामा ने क्रोध में आकर ब्राह्रास्त्र चल दिया, जिसकी वजह से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो गया. तब भगवान कृष्ण ने इसे पुनः जीवित किया. इस कारण इसका नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया. तभी से माताएं इस व्रत को पुत्र के लंबी उम्र की कामना से करने लगीं.

Jitiya paran time

जितिया व्रत का पारण 19 सितंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 10 मिनट के बाद किया जा सकेगा.

Mithila Jitiya Vrat

मिथिला की महिलाएं इस बार एक दिन पहले जितिया व्रत उपवास शुरू करेंगी. 16 सितंबर को दिन में माछ मड़ुआ खाएंगी. 17 सितंबर के दिन शनिवार की सुबह पांच बजे ओठगन के साथ निर्जला जितिया व्रत शुरू होगी जो 18 सितंबर को दोपहर बाद साढ़े चार बजे संपन्न होगी. इस प्रकार इस साल मिथिला की महिलाओं के लिए यह व्रत लगभग 34 घंटा 53 मिनट लंबा होगा.

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