J&K: डोगरी साहित्यकार आशु शर्मा व कश्मीरी में शाइस्ता को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार

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sahitya akademi award

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– फोटो : सोशल मीडिया

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नई दिल्ली में मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में 24 भारतीय भाषाओं के विशिष्ट युवा लेखकों को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्रदान किया गया। डोगरी में आशु शर्मा, कश्मीरी में शाइस्ता खान,हिंदी में भगवंत अनमोल, अंग्रेजी में मिहिर वत्स, संस्कृत में श्रुति कानितकर और उर्दू में मकसूद आफाक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने मुख्य अतिथि व वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किए।  विजेताओं को एक उत्कीर्ण ताम्र-फलक और प्रत्येक को 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई।

इस मौके पर अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने कहा कि युवा ही समाज को स्पंदित रखते हैं और परिवर्तन का प्रतीक हैं। भविष्य के वृक्ष के रूप में उनको प्रोत्साहित व सुरक्षा देना साहित्य अकादमी का कर्त्तव्य है। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि पुरस्कृत किए गए सभी युवा लेखक नए भारतीय परिवेश का निर्माण कर रहे हैं। भाषा की बाध्यता अब कोई महत्वपूर्ण बात नहीं रह गई है। 

नई पीढ़ी के पास अभिव्यक्ति के अनेक नए साधन हैं और वे अब कई विधाओं का अतिक्रमण कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं। ममता कालिया ने कहा कि युवाओं का लेखन आशा से भरा हुआ है। नई पीढ़ी नई ऊर्जा से भरपूर है और उसका हर कृत्य उत्साहजनक है। उन्होंने युवा पीढ़ी को आगाह भी किया कि लिखने से पहले क्या नहीं लिखना है, उस पर विचार करना जरूरी है। विषय का चयन ही उत्कृष्ट रचना का आधार बनता है। उन्होंने सभी युवा पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि यह पुरस्कार उन्हें एक कंदील की तरह नए पुरस्कार जीतने की रोशनी और उत्साह प्रदान करेगा।

पुरस्कार-2022 पाने वाले लेखक
प्रद्युम्न कुमार गोगोई (असमिया), सुमन पातारी (बांग्ला), अलंबार मुसाहारि (बर), आशु शर्मा (डोगरी), मिहिर वत्स (अंग्रेजी), भरत खेनी (गुजराती), भगवंत अनमोल (हिंदी), दादापीर जैमन (कन्नड), शाइस्ता खान (कश्मीरी), मायरन जेसन बार्रेटो (कोंकणी), नवकृष्ण ऐहिक (मैथिली), अनघा जे कोलथ (मलयालम), सोनिया खुन्द्राकपम (मणिपुरी), पवन नालट (मराठी), रोशन राई ’चोट’ (नेपाली), दिलीप बेहरा (ओडिआ), संधू गगन उर्फ गगनदीप सिंह (पंजाबी), आशीष पुरोहित (राजस्थानी), श्रुति कानितकर (संस्कृत), सालगे हांसदा (संताली), हिना आसवानी (सिंधी), पी कालीमुथ्थु (तमिल), पल्लिपट्टु नागाराजु (तेलुगु), मकसूद आफाक (उर्दू)। 

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नई दिल्ली में मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में 24 भारतीय भाषाओं के विशिष्ट युवा लेखकों को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्रदान किया गया। डोगरी में आशु शर्मा, कश्मीरी में शाइस्ता खान,हिंदी में भगवंत अनमोल, अंग्रेजी में मिहिर वत्स, संस्कृत में श्रुति कानितकर और उर्दू में मकसूद आफाक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने मुख्य अतिथि व वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किए।  विजेताओं को एक उत्कीर्ण ताम्र-फलक और प्रत्येक को 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई।

इस मौके पर अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने कहा कि युवा ही समाज को स्पंदित रखते हैं और परिवर्तन का प्रतीक हैं। भविष्य के वृक्ष के रूप में उनको प्रोत्साहित व सुरक्षा देना साहित्य अकादमी का कर्त्तव्य है। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि पुरस्कृत किए गए सभी युवा लेखक नए भारतीय परिवेश का निर्माण कर रहे हैं। भाषा की बाध्यता अब कोई महत्वपूर्ण बात नहीं रह गई है। 

नई पीढ़ी के पास अभिव्यक्ति के अनेक नए साधन हैं और वे अब कई विधाओं का अतिक्रमण कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं। ममता कालिया ने कहा कि युवाओं का लेखन आशा से भरा हुआ है। नई पीढ़ी नई ऊर्जा से भरपूर है और उसका हर कृत्य उत्साहजनक है। उन्होंने युवा पीढ़ी को आगाह भी किया कि लिखने से पहले क्या नहीं लिखना है, उस पर विचार करना जरूरी है। विषय का चयन ही उत्कृष्ट रचना का आधार बनता है। उन्होंने सभी युवा पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि यह पुरस्कार उन्हें एक कंदील की तरह नए पुरस्कार जीतने की रोशनी और उत्साह प्रदान करेगा।

पुरस्कार-2022 पाने वाले लेखक

प्रद्युम्न कुमार गोगोई (असमिया), सुमन पातारी (बांग्ला), अलंबार मुसाहारि (बर), आशु शर्मा (डोगरी), मिहिर वत्स (अंग्रेजी), भरत खेनी (गुजराती), भगवंत अनमोल (हिंदी), दादापीर जैमन (कन्नड), शाइस्ता खान (कश्मीरी), मायरन जेसन बार्रेटो (कोंकणी), नवकृष्ण ऐहिक (मैथिली), अनघा जे कोलथ (मलयालम), सोनिया खुन्द्राकपम (मणिपुरी), पवन नालट (मराठी), रोशन राई ’चोट’ (नेपाली), दिलीप बेहरा (ओडिआ), संधू गगन उर्फ गगनदीप सिंह (पंजाबी), आशीष पुरोहित (राजस्थानी), श्रुति कानितकर (संस्कृत), सालगे हांसदा (संताली), हिना आसवानी (सिंधी), पी कालीमुथ्थु (तमिल), पल्लिपट्टु नागाराजु (तेलुगु), मकसूद आफाक (उर्दू)। 



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