J&K- मीडिया पाकिस्तानी एजेंडे को अब नहीं दे रहा तवज्जो, इसलिए मिल रही धमकियां, होगी कार्रवाई- DGP

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DGP Dilbag Singh

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– फोटो : ANI

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जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि कश्मीर फाइट ब्लॉग को पाकिस्तान के इशारे पर चलाया जा रहा है। यह उन लोगों से जुड़ा हुआ, जिन्हें कश्मीर में शांति बर्दाशत नहीं कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि घाटी में मीडिया अब पाकिस्तान के एजेंडे को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इसलिए धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी।

शनिवार को पत्रकारों को धमकी देने के मामले में पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिले के 12 स्थानों पर छापामारी कर कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्द किए हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार, जिन परिसरों में तलाशी ली गई, उनमें कई पत्रकारों के आवास भी शामिल हैं। कुछ संदिग्धों को जांच और पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने 12 नवंबर को कश्मीर में पत्रकारों को सोशल मीडिया के जरिये धमकी देने के लिए लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) और लश्कर के छद्म संगठन टीआरएफ से जुड़े आतंकवादियों व संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसी बीच करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जिनके कनेक्शन टीआरएफ से जुड़े हैं। 

टीआरएफ के आतंकवादी सज्जाद गुल, मुख्तार बाबा सहित अन्य संदिग्धों के घरों की जांच की गई। मुख्तार बाबा तुर्किए स्थित आतंकवादी ऑपरेटिव है और जम्मू-कश्मीर में उसके छह संपर्कों के धमकियों के पीछे होने का संदेह है। पुलिस टीमों ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, मेमोरी कार्ड, पेन-ड्राइव, डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, बैंक के कागजात, रबर स्टांप, पासपोर्ट, नकदी और कुछ सऊदी मुद्रा सहित अन्य सामग्री जब्त की है।

युवाओं को टीआरएफ में शामिल करता है बाबा

गौरतलब है कि मुख्तार बाबा (55) कश्मीर के विभिन्न अखबारों के लिए काम करता था। एक खुफिया डोजियर में कहा गया है कि वह 1990 के दशक में श्रीनगर का निवासी था और माना जाता है कि वह तुर्किए भाग गया था। बाबा मुख्य मास्टमाइंड है जो युवाओं को टीआरएफ में शामिल करता है। उसने पत्रकार समुदाय में मुखबिरों का एक नेटवर्क बनाया है और उनके इनपुट का इस्तेमाल कर धमकाने वाले पत्रकारों की सूची तैयार की है। अधिकारियों के अनुसार मामले की जांच जारी है।

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जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि कश्मीर फाइट ब्लॉग को पाकिस्तान के इशारे पर चलाया जा रहा है। यह उन लोगों से जुड़ा हुआ, जिन्हें कश्मीर में शांति बर्दाशत नहीं कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि घाटी में मीडिया अब पाकिस्तान के एजेंडे को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इसलिए धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी।

शनिवार को पत्रकारों को धमकी देने के मामले में पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिले के 12 स्थानों पर छापामारी कर कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्द किए हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार, जिन परिसरों में तलाशी ली गई, उनमें कई पत्रकारों के आवास भी शामिल हैं। कुछ संदिग्धों को जांच और पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने 12 नवंबर को कश्मीर में पत्रकारों को सोशल मीडिया के जरिये धमकी देने के लिए लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) और लश्कर के छद्म संगठन टीआरएफ से जुड़े आतंकवादियों व संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसी बीच करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जिनके कनेक्शन टीआरएफ से जुड़े हैं। 

टीआरएफ के आतंकवादी सज्जाद गुल, मुख्तार बाबा सहित अन्य संदिग्धों के घरों की जांच की गई। मुख्तार बाबा तुर्किए स्थित आतंकवादी ऑपरेटिव है और जम्मू-कश्मीर में उसके छह संपर्कों के धमकियों के पीछे होने का संदेह है। पुलिस टीमों ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, मेमोरी कार्ड, पेन-ड्राइव, डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, बैंक के कागजात, रबर स्टांप, पासपोर्ट, नकदी और कुछ सऊदी मुद्रा सहित अन्य सामग्री जब्त की है।

युवाओं को टीआरएफ में शामिल करता है बाबा

गौरतलब है कि मुख्तार बाबा (55) कश्मीर के विभिन्न अखबारों के लिए काम करता था। एक खुफिया डोजियर में कहा गया है कि वह 1990 के दशक में श्रीनगर का निवासी था और माना जाता है कि वह तुर्किए भाग गया था। बाबा मुख्य मास्टमाइंड है जो युवाओं को टीआरएफ में शामिल करता है। उसने पत्रकार समुदाय में मुखबिरों का एक नेटवर्क बनाया है और उनके इनपुट का इस्तेमाल कर धमकाने वाले पत्रकारों की सूची तैयार की है। अधिकारियों के अनुसार मामले की जांच जारी है।



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