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कश्मीर घाटी में 40 दिन के भीषण ठंड का दौर ( चिल्ले कलां) बुधवार से शुरू हो गया है, जो 31 जनवरी तक चलेगा। इसका असर दिखना शुरू हो गया है। श्रीनगर में मंगलवार-बुधवार रात सीजन की सबसे सर्द रात रिकॉर्ड की गई। यहां रात का पारा माइनस 4.2 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। लोगों को भीषण ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
घाटी में चिल्ले कलां के समय को सर्दियों का सबसे कठिन समय माना जाता है। बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है। पर्यटकों को यह दौर खूब भाता है। गुलमर्ग, सोनमर्ग से लेकर घाटी का प्रत्येक पर्यटन स्थल सैलानियों से पटा नजर आता है परंतु यहां रहने वाले आम लोगों के लिए यह काफी कठिन दौर भी होता है।
उधर, देवल पुल के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने के चलते जम्मू-श्रीनगर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-44 बंद हो गया है। इसके कारण 600 से अधिक वाहन फंस गए हैं। जम्मू से चिनैनी, पटनीटॉप, डोडा, रामबन, गूल, बनिहाल को जाने पर मार्ग भी फिलहाल ठप हैं। प्रशासन ने लोगों को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर फिलहाल यात्रा न करने की अपील की है। मार्ग की अपडेट जानने के लिए इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं-
जम्मू (0191-2459048, 0191-2740550, 9419147732)
श्रीनगर (0194-2450022, 2485396, 18001807091)
रामबन (9419993745)
मौसम विभाग के अनुसार चिल्ले कलां के पहले सप्ताह मौसम शुष्क रहने की संभावना है जबकि रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि 25 दिसंबर के बाद पश्चिमी दबाव के चलते मौसम प्रभावित हो सकता है।
चिल्ले बच्चा में सबसे कम होती है ठंड
चिल्ले कलां फारसी का शब्द है, जिसका अर्थ है भीषण ठंड। यह तीन चरणों में होता है। इसे चिल्ले कलां, चिल्ले खुर्द और चिल्ले बच्चा कहा जाता है। बता दें कि सर्दियों के भीषण 40 दिन के बाद चिल्ले खुर्द की शुरुआत होती है जो 20 दिन तक चलता है। फर्क इतना होता है कि इसमें ठंड चिल्ले कलां से थोड़ी कम होती है। आखिर में आता है चिल्ले बच्चा, जोकि 10 दिन का होता है और इस दौरान सर्दी सबसे कम होती है।
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