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कर्मचारी चयन आयोग के प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस।
– फोटो : संवाद
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जेओए आईटी पेपर लीक मामले में एसआईटी प्रमुख डीजीपी जी शिवा कुमार, एसआईटी सदस्य अतिरिक्त अधीक्षक विजिलेंस रेणू शर्मा और डीएसपी कमल ने बुधवार शाम तीन बजे ओएसडी जितेंद्र सांजटा से आयोग के पूर्व सचिव के कार्यालय की अलमारी की चाबी मांगी और अलमारी से लैपटॉप समेत अन्य रिकॉर्ड भी कब्जे में लिया। पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से पूछा कि गोपनीय शाखा में किस-किस स्तर के अधिकारी को प्रवेश की अनुमति थी। गोपनीय शाखा और अलमारी के ताले की चाबी किसके पास रहती थी।
प्रश्नपत्र सेट कौन करता था, प्रिंटिंग कहां करवाते थे। प्रश्नपत्रों को प्रिंटिंग सेंटर से आयोग और आयोग से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की क्या व्यवस्था रहती थी। किसकी मौजूदगी में प्रश्नपत्रों के पैकेट सील करते थे। प्रश्नपत्रों की उत्तर कुंजी किसके कब्जे में रहती थी। इस तरह के कई सवालों के जवाब पूछे गए। कर्मचारियों से उनके रिश्तेदारों के परीक्षा में भाग लेने के दौरान उन कर्मचारियों की ड्यूटियां कहां लगती और अंडर टेकिंग किस तरह ली जाती थी। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी ने पिछले पांच साल में हुई सभी भर्ती परीक्षाओं का रिकॉर्ड तलब किया है।
सचिव के चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी संदेह के दायरे में
एसआईटी की शक की सुई आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर, उनके वाहन चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तरफ भी घूम गई है। क्योंकि पूर्व सचिव का सरकारी चालक देर शाम तक आयोग में उनके साथ रुकता था।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही गोपनीय शाखा और आयोग सचिव के कार्यालय के बीच फाइलों व अन्य गोपनीय दस्तावेजों को पहुंचाता था। इन दोनों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के परिवार और अन्य रिश्तेदारी में कौन-कौन सरकारी नौकरी में है, यह भी पता लगाया जा रहा है।
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