JOA IT Paperleak: लकड़ी के बेंच पर बैठाकर पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से की पूछताछ, उमा आजाद की बिगड़ी तबीयत

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मुख्य आरोपी उमा आजाद- फाइल फोटो

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– फोटो : संवाद

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पैसे लेकर जेओए आईटी, जूनियर ऑडिटर और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में नामजद मुख्य आरोपी उमा आजाद और संजीव कुमार की पुलिस हिरासत शनिवार को खत्म हो रही है। 31 जनवरी को एसआईटी अब तीसरी बार दोनों आरोपियों को हमीरपुर न्यायालय में पेश कर पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग करने वाली है, जबकि मामले में नामजद मुख्य आरोपी उमा आजाद का बेटा निखिल आजाद, नौकर नीरज कुमार, महिला अभ्यर्थी तनु शर्मा और अजय शर्मा 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं। चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से एसआईटी ने लगातार तीसरे दिन विजिलेंस थाना हमीरपुर में कड़ी पूछताछ की।

एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर को एसआईटी ने लकड़ी के बेंच पर बैठाकर भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में सवाल पूछे। जितेंद्र कंवर ने बताया कि सभी भर्तियां सरकार के आरएंडीपी नियमों के तहत करवाई जाती हैं। विषय विशेषज्ञ प्रश्नपत्र तैयार करते हैं। प्रश्नपत्र तैयार करना, उसकी प्रिंटिंग और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने से लेकर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन इस सारी प्रक्रिया में पूरी गोपनीयता बनी रहती है। जितेंद्र कंवर सुबह 10:00 बजे विजिलेंस थाना पहुंच गए थे। शाम चार बजे तक अलग-अलग पहलुओं पर पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें यहां से भेजा गया। एसआईटी ने बीच में उन्हें दो बार चाय भी पिलाई। दूसरी तरफ, मुख्य आरोपी उमा आजाद की तबीयत खराब हो गई है।

एसआईटी उसे शुक्रवार को डॉ. राधाकृष्णनन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर के स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गई। जहां उमा आजाद का चेकअप किया गया और दवाइयां आदि देकर उसे भेज दिया गया। सरकार ने डीआईजी जी शिवा कुमार की अगुवाई में आईपीएस अधिकारी अंजुम आरा, आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह, डीएसपी कमल वर्मा आदि की एक विशेष जांच टीम बनाई है, लेकिन पिछले दो दिन से यहां एसपी विजिलेंस राहुल नाथ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रेणू शर्मा और डीएसपी कमल वर्मा ही मामले में छानबीन कर रहे हैं। बाकी अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में बैठकर इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।

संजीव कुमार और उमा के खातों में जमा हुई राशि की जांच शुरू
एसआईटी ने दलाल संजीव कुमार और चयन आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के बैंक खातों में जमा हुई धनराशि की जांच भी शुरू कर दी है। कुछ अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से संजीव के बैंक खाते में धनराशि जमा करवाई है। यह राशि किस खाता धारक के बैंक खाते से आई है और क्यों इसकी जांच जारी है। दलाल संजीव कुमार के अण चौक स्थित टाइपिंग प्रशिक्षण संस्थान से वीरवार को बरामद दस्तावेजों और हार्ड डिस्क को भी एसआईटी खंगाल रही।

कभी लोगों के मसले सुलझाते थे, आज आपने मसले में हुए हाजिर
एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर पूर्व में एसडीएम भरमौर रह चुके हैं। एसडीएम के पास उप मंडल मजिस्ट्रेट की शक्तियां होती हैं और कई बार बीच सड़क पर हंगामा कर शांति भंग करने वाले लोगों को सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार कर पुलिस आरोपियों को एसडीएम के पास ही पेश करती है। कलंदरे की कार्यवाही के तहत आरोपी को कोर्ट में पेश होने के लिए जो नोटिस जारी किए जाते हैं, उसमें जमानत राशि लिखी हुई होती है, लेकिन पूर्व में एक मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठकर कई लोगों के मसले सुलझाने वाले एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर वर्तमान में खुद अपने मसले सुलझाने के लिए एसआईटी और विजिलेंस जांच का सामना कर रहे हैं।

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पैसे लेकर जेओए आईटी, जूनियर ऑडिटर और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में नामजद मुख्य आरोपी उमा आजाद और संजीव कुमार की पुलिस हिरासत शनिवार को खत्म हो रही है। 31 जनवरी को एसआईटी अब तीसरी बार दोनों आरोपियों को हमीरपुर न्यायालय में पेश कर पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग करने वाली है, जबकि मामले में नामजद मुख्य आरोपी उमा आजाद का बेटा निखिल आजाद, नौकर नीरज कुमार, महिला अभ्यर्थी तनु शर्मा और अजय शर्मा 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं। चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से एसआईटी ने लगातार तीसरे दिन विजिलेंस थाना हमीरपुर में कड़ी पूछताछ की।

एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर को एसआईटी ने लकड़ी के बेंच पर बैठाकर भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में सवाल पूछे। जितेंद्र कंवर ने बताया कि सभी भर्तियां सरकार के आरएंडीपी नियमों के तहत करवाई जाती हैं। विषय विशेषज्ञ प्रश्नपत्र तैयार करते हैं। प्रश्नपत्र तैयार करना, उसकी प्रिंटिंग और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने से लेकर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन इस सारी प्रक्रिया में पूरी गोपनीयता बनी रहती है। जितेंद्र कंवर सुबह 10:00 बजे विजिलेंस थाना पहुंच गए थे। शाम चार बजे तक अलग-अलग पहलुओं पर पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें यहां से भेजा गया। एसआईटी ने बीच में उन्हें दो बार चाय भी पिलाई। दूसरी तरफ, मुख्य आरोपी उमा आजाद की तबीयत खराब हो गई है।

एसआईटी उसे शुक्रवार को डॉ. राधाकृष्णनन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर के स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गई। जहां उमा आजाद का चेकअप किया गया और दवाइयां आदि देकर उसे भेज दिया गया। सरकार ने डीआईजी जी शिवा कुमार की अगुवाई में आईपीएस अधिकारी अंजुम आरा, आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह, डीएसपी कमल वर्मा आदि की एक विशेष जांच टीम बनाई है, लेकिन पिछले दो दिन से यहां एसपी विजिलेंस राहुल नाथ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रेणू शर्मा और डीएसपी कमल वर्मा ही मामले में छानबीन कर रहे हैं। बाकी अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में बैठकर इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।

संजीव कुमार और उमा के खातों में जमा हुई राशि की जांच शुरू

एसआईटी ने दलाल संजीव कुमार और चयन आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के बैंक खातों में जमा हुई धनराशि की जांच भी शुरू कर दी है। कुछ अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से संजीव के बैंक खाते में धनराशि जमा करवाई है। यह राशि किस खाता धारक के बैंक खाते से आई है और क्यों इसकी जांच जारी है। दलाल संजीव कुमार के अण चौक स्थित टाइपिंग प्रशिक्षण संस्थान से वीरवार को बरामद दस्तावेजों और हार्ड डिस्क को भी एसआईटी खंगाल रही।

कभी लोगों के मसले सुलझाते थे, आज आपने मसले में हुए हाजिर

एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर पूर्व में एसडीएम भरमौर रह चुके हैं। एसडीएम के पास उप मंडल मजिस्ट्रेट की शक्तियां होती हैं और कई बार बीच सड़क पर हंगामा कर शांति भंग करने वाले लोगों को सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार कर पुलिस आरोपियों को एसडीएम के पास ही पेश करती है। कलंदरे की कार्यवाही के तहत आरोपी को कोर्ट में पेश होने के लिए जो नोटिस जारी किए जाते हैं, उसमें जमानत राशि लिखी हुई होती है, लेकिन पूर्व में एक मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठकर कई लोगों के मसले सुलझाने वाले एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर वर्तमान में खुद अपने मसले सुलझाने के लिए एसआईटी और विजिलेंस जांच का सामना कर रहे हैं।



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