JOA IT Paperleak: विजिलेंस की एसआईयू भी करेगी पेपर लीक मामले में जांच

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हमीरपुर जेओए आईटी पेपर लीक मामले की जांच प्रक्रिया से जुड़ी एक जांच विजिलेंस ब्यूरो की विशेष जांच इकाई (एसआईयू) भी करेगी। इससे पहले विजिलेंस ने हमीरपुर में इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। एसआईयू का दायरा पूरे हिमाचल में है। ऐसे में विजिलेंस ने इस मामले में एफआईआर 5/2022 के तहत एक और मामला दर्ज किया है।

अब इस मामले में दो अलग-अलग मामले दर्ज हो गए हैं। इस बीच, मामले की जांच कर रही एसआईटी के दो सदस्य हमीरपुर से शिमला लौट आए हैं। वीरवार को एसआईटी के सदस्यों ने विजिलेंस के उच्च अधिकारियों से इस मामले के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक जानकारी हासिल की।

बता दें कि इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी मामले में संलिप्त आरोपियों को संपत्तियों की जांच भी करने जा रही है। पैसे लेकर पेपर लीक करने वाली मुख्य आरोपी उमा आजाद पिछले तीन सालों से आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात थी।

गोपनीय शाखा से ही सभी भर्तियाें की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। उल्लेखनीय है कि तीन साल में आयोग के माध्यम से कई विभागों की भर्तियां हुई है। इन सभी भर्तियों से जुड़े दस्तावेज विजिलेंस खंगाल रही है। विजिलेंस का मानना है कि मामला गंभीर है। आयोग के सचिव से भी इस मामले में पूछताछ की जानी है। 

विस्तार

हमीरपुर जेओए आईटी पेपर लीक मामले की जांच प्रक्रिया से जुड़ी एक जांच विजिलेंस ब्यूरो की विशेष जांच इकाई (एसआईयू) भी करेगी। इससे पहले विजिलेंस ने हमीरपुर में इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। एसआईयू का दायरा पूरे हिमाचल में है। ऐसे में विजिलेंस ने इस मामले में एफआईआर 5/2022 के तहत एक और मामला दर्ज किया है।

अब इस मामले में दो अलग-अलग मामले दर्ज हो गए हैं। इस बीच, मामले की जांच कर रही एसआईटी के दो सदस्य हमीरपुर से शिमला लौट आए हैं। वीरवार को एसआईटी के सदस्यों ने विजिलेंस के उच्च अधिकारियों से इस मामले के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक जानकारी हासिल की।

बता दें कि इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी मामले में संलिप्त आरोपियों को संपत्तियों की जांच भी करने जा रही है। पैसे लेकर पेपर लीक करने वाली मुख्य आरोपी उमा आजाद पिछले तीन सालों से आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात थी।

गोपनीय शाखा से ही सभी भर्तियाें की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। उल्लेखनीय है कि तीन साल में आयोग के माध्यम से कई विभागों की भर्तियां हुई है। इन सभी भर्तियों से जुड़े दस्तावेज विजिलेंस खंगाल रही है। विजिलेंस का मानना है कि मामला गंभीर है। आयोग के सचिव से भी इस मामले में पूछताछ की जानी है। 



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