Joshimath: टूटते आशियाने को पूरा दिन एकटक निहारती रही माधवी, भावुक होकर बोली…यह बहुत दर्दनाक और असहनीय

[ad_1]

जिस मकान में जिंदगी का आधे से अधिक का सफर तय कर दिया उस मकान को अपनी आंखों के सामने टूटता देख माधवी सती रो पड़ीं। एक जगह पर बैठकर पूरे दिन टूटते आशियाने को एकटक निहारते हुए वह इस घर में बिताए दिनों को याद करती रही।

जोशीमठ में भू-धंसाव से दरारें आने के बाद शनिवार को दूसरे आवासीय मकान को तोड़ने का काम शुरू हो गया। परिवार की सहमति के बाद प्रशासन की ओर से यह मकान तोड़ा जा रहा है। माधवी सती मकान से कुछ दूरी पर बैठकर उसे पूरे दिन निहारती रही। शिक्षिका के पद से 2003 में बीआरएस लेने के बाद माधवी नगर पालिका की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं।

उनके पति शंभू प्रसाद सती पोस्टमास्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। माधवी सती से बात करने पर वह भावुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1976 में शादी हुई और तब से वह इसी मकान में रह रही हैं। नौ कमरों के इस मकान को वर्ष 1981 में बनाया गया।

दो बेटे और एक बेटी के साथ इस मकान में रह रहे परिवार की कई यादें इससे जुड़ी हैं।

कभी सोचा भी नहीं था कि उनका यह मकान इस तरह से उनके सामने ही टूट जाएगा।

वह घर के सामने पूरे दिन एकटक मकान को निहारती रही।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *