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जोशीमठ में पत्थर गिरने से रोकने को लगाए पाइप
– फोटो : अमर उजाला
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भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की मुसीबतें कम नहीं हो पा रही हैं। खेतों से लेकर असुरक्षित घोषित हुए आवासीय मकानों में अभी भी दरारें आ रही हैं। आम रास्तों में भी दरारें आने का सिलसिला जारी है। जिससे आपदा प्रभावितों को भविष्य की चिंता सता रही है।
भू-धंसाव से सबसे प्रभावित सिंहधार, मनोहर बाग, गांधीनगर और सुनील वार्ड में खेतों और मकानों में नई दरारें आ रही हैं। आपदा प्रभावित प्रतिदिन दरारों को देखने खेतों में पहुंच रहे हैं। जिन घरों में पहले से दरारें आई हैं वह अब झुकने लग गए हैं। सिंहधार वार्ड में होटल माउंट व्यू और मलारी इन के पीछे के मकानों में पहले से दरारें आई हुई हैं। लेकिन अब इन मकानों में दरारें बढ़ रही हैं। आपदा प्रभावित दिगंबर सिंह का कहना है कि अब वे अपने मकानों का हाल देखने भी नहीं जा रहे हैं।
राहत शिविर में ही सरकार के पुनर्वास के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उनके घर में पहले से दरारें आई हुई थी। लेकिन अब मकान के अंदर दरारें काफी बढ़ गई हैं, जिससे उनका मकान तिरछा हो गया है। सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने पहले ही घर को खाली कर दिया था। आपदा प्रभावित दीपक का कहना है कि घर के अंदर कॉलम धीरे-धीरे जगह छोड़ रहे हैं। घरों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं।
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