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शुक्रवार को 14 और भवन इस सूची में जुड़ गए। कुल दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। सरकार की मानें तो ध्वस्त किए जाने वाले भवनों की संख्या और बढ़ सकती है। सीबीआरआई की ओर से सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद इनकी सूची जारी की जाएगी।
वहीं, शुक्रवार को हुई बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है। एक दिन पहले यहा 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो शुक्रवार को 250 एलपीएम दर्ज किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवतः बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
वहीं बारिश और बर्फबारी ने राहत शिविरों में रहने वाले प्रभावित परिवारों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
सबसे ज्यादा परेशान नगर पालिका के एक हॉल में रखे गए नौ परिवारों के लोग हैं।
इतने बड़े हॉल में एक हीटर से लोगों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बड़ों के साथ बच्चे भी ठंड में ठिठुर रहे हैं।
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