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जेपी कॉलोनी में जमीन से रिसता पानी अब भी एक अबूझ पहेली बना हुआ है। 6 जनवरी को पानी का फ्लो 540 एलपीएम था। बुधवार को यह 123 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) पर पहुंच गया। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) रुड़की की टीम पानी के स्रोत का रहस्य जानने के लिए हाईड्रोलॉजिकल जांच कर चुकी है।
इस दौरान संस्थान की टीम ने जेपी कॉलोनी में बह रहे पानी के साथ ही एनटीपीसी की सुरंग सहित 13 स्थानों से पानी के नमूने भरे थे।
संस्थान ने लैब में इन नमूनों की जांच करने के बाद अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) को सौंप दी है। लेकिन यूएसडीएमए एनआईएच की इस जांच से संतुष्ट नहीं है।
जोशीमठ आपदा प्रभावित के लिए मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन एक सप्ताह में तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जोशीमठ से एक किमी पहले टीसीपी तिराहा के पास उद्यान विभाग की भूमि का चयन किया गया है।
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