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जोशीमठ
– फोटो : अमर उजाला
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जोशीमठ आपदा के बाद इसके पुनर्निमाण के आर्थिक पैकेज के लिए कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देशन में करीब 26 सदस्यों का एक दल जोशीमठ पहुंच चुका है, जो अगले तीन दिन तक पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए) यानी आपदा के बाद हुए नुकसान और रिकवरी की जरूरतों का व्यापक मूल्याकंन करेगा।
इस रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि केंद्र की ओर से जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिए भेजे गए आर्थिक पैकेज प्रस्ताव में से कितनी धनराशि मंजूर होगी।शनिवार को एनडीएमए के संयुक्त सचिव कुनाल सत्यवर्ती के नेतृत्व में 16 सदस्यीय केंद्रीय दल चार्टर्ड प्लेन से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा।
यहां सत्यवर्ती की अध्यक्षता में करीब आधे घंटे की एक संक्षिप्त बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तराखंड के सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा के अलावा अपर सचिव सविन बंसल, अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला और कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
इसके बाद टीम जोशीमठ के लिए रवाना हो गई। जौलीग्रांट से इस टीम में राज्य सरकार के करीब 10 अधिकारी भी शामिल हो गए। यह टीम जोशीमठ में अगले तीन दिन रहकर आपदा के बाद हुए नुकसान का नए सिरे से आकलन कर रिपोर्ट केंद्र को देगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड सरकार की ओर से मांगे गए करीब तीन हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज को फाइनल किया जाएगा।
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