Joshimath: GMVN के गेस्ट हाउस में भी आई दरारें, यहीं रुके हैं प्रशासन के अधिकारी, 849 हुए प्रभावित भवन

[ad_1]

जोशीमठ में बढ़ते भू-धंसाव और भवनों में गहराती दरारों ने प्रशासन की चिंता को और बढ़ा दिया है। लोनिवि के गेस्ट हाउस के बाद अब गढ़वाल मंडल विकास निगम के पर्यटन आवास गृह में भी दरारें आ गई हैं। पूरा प्रशासनिक अमला इन दिनों इसी आवास में रह रहा है। अगर यहां दरारें बढ़ती हैं तो यह भवन भी असुरक्षित श्रेणी में आ जाएगा।

Uttarakhand: सीएम धामी ने अमित शाह को दी जोशीमठ के हालात की जानकारी, मांगी केंद्रीय आपदा राहत

गांधी मैदान के पास स्थित जीएमवीएन के पर्यटन आवास गृह के कमरों में भी दरारें आ गई हैं। नगर की आपदा से लोगों की मदद के लिए पूरा प्रशासनिक अमला जोशीमठ में कैंप कर रहा है। प्रशासन के अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी इसी आवास गृह में रह रहे हैं।

अब जिस तरह से यहां दरारें दिख रही हैं उससे आशंका जताई जा रही है कि कहीं यह भवन भी असुरक्षित की श्रेणी में न आ जाए। यदि ऐसा होता है तो प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती होगी। इसके निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लग गई हैं। कमरों और कार्यालय की दीवारों पर दरारें उभरी हुई हैं।

नगर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आ गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में यहां दरारें आई हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है और दो दिन में यहां दरारें काफी बढ़ी हैं।

भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 849 भवन प्रभावित हुए हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।

प्रभावितों को अब तक 708 खाद्यान किट, 531 कंबल व 926 लीटर दूध, 55 हीटर/ब्लोवर, 79 डेली यूज किट, 48 जोड़ी जूते, 110 थर्मल वियर, 171 हाट वाटर वोटल, 458 टोपी, 280 मौजे, 149 शॉल व 262 अन्य सामग्री का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 707 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 51 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 50 पशु चारा बैग वितरण का किया गया। 

नगर के संस्कृत महाविद्यालय में भी प्रशासन ने राहत शिविर बनाया हुआ है। यहां पर 23 परिवारों को रखा गया है लेकिन इस भवन में भी दरारें आई हुई हैं। यहां रह रहे प्रभावित प्रदीप का कहना है कि यहां पर पुरानी दरारें हैं। ऐसी दरारें तो पूरे नगर में दिख रही हैं।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *