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जोशीमठ भू-धंसाव से मकानों पर दरारें आने के कारण सरकार ने अब तक 258 परिवारों के 865 सदस्यों को अस्थायी रूप से राहत शिविरों में विस्थापित किया है। राहत व बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कमरों की व्यवस्था की गई। जिसकी क्षमता 2190 लोगों को ठहराने की है।
पीपलकोटी में 491 कमरों की क्षमता है। जिसमें 2205 लोग ठहरे है। उन्होंने बताया कि भू-धंसावा से अब तक 849 भवनों में दरारें आई है। विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से सर्वेक्षण का कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहर बाग में पांच, सुनील वार्ड में सात भवन असुरक्षित घोषित किए गए। 258 परिवारों को सुरक्षा को देखते हुए अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया। इन परिवारों में कुल 865 सदस्य हैं।
आपदा प्रभावित जोशीमठ के मनोहर बाग वार्ड में दो आवासीय भवन असुरक्षित घोषित किए गए हैं और अब यह तोड़े जाएंगे। आपदा प्रभावित क्षेत्र में यह पहले आवासीय भवन हैं जिनको तोड़ा जाएगा। सीबीआरआई रुड़की की टीम ने भवनों को असुरक्षित घोषित करते हुए इनको डिस्मेंटल की कैटेगिरी में रखा है। इसके बाद जिलाधिकारी ने भवनों को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं लोनिवि के निरीक्षण भवन को तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नगर पालिका जोशीमठ के वार्ड नंबर पांच (मनोहर बाग) में एक भवन में भगवती प्रसाद कपरुवाण पुत्र वासवानंद, दुर्गा प्रसाद कपरुवाण पुत्र वासवा नंद, मदन प्रसाद कपरुवाण पुत्र विद्यादत्त, यमुना प्रसाद पुत्र विद्यादत्त का परिवार रहता था।
वहीं इसी वार्ड में शंभू प्रसाद सती पुत्र खीमानंद का मकान भी है। दोनों मकानों को सीबीआरआई रुड़की की टीम ने असुरक्षित घोषित करते हुए इनको डिस्मेंटल की कैटेगिरी में रख दिया है। इसके बाद भवन स्वामियों ने मकानों के ध्वस्तीकरण को लेकर प्रशासन को सहमति दे दी है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने भवनों को वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे पहले नगर में होटल माउंट व्यू, मलारी इन और लोक निर्माण विभाग के भवन के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
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प्रशासन के अनुसार अभी तक नगर में कुल आठ भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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