Joshimath Landslide: आपदा प्रभावितों से खाली नहीं कराए जाएंगे होटल और अस्थायी शिविर, इतने दिन की मिली मोहलत

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जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद बेघर हुए परिवारों को होटलों या अस्थायी शिविरों से नहीं हटाया जाएगा। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर निर्णय लेते हुए शासन ने समय सीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया है। इसके अलावा होटल, लॉज इत्यादि के शत-प्रतिशत भुगतान के निर्देश दिए गए हैं।

जोशीमठ में भू-धंसाव बढ़ने के बाद जनवरी के पहले हफ्ते में लोगों को होटलों-धर्मशालाओं और किराये के मकानों में ठहराया गया है। वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न होटल, धर्मशालाओं और होम स्टे में 181 परिवार के 694 सदस्य रह रहे हैं।

सरकार की ओर से इसकी एवज में होटल मालिकों को प्रति कमरा 950 रुपये किराया दिया जा रहा है। जो लोग किराये के मकानों में रह रहे हैं, उन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है।



सरकार ने होटलों में आपदा प्रभावित लोगों के ठहरने की व्यवस्था 31 मार्च तक की थी। अंतिम तारीख पास आते ही होटल मालिक की ओर से चारधाम यात्रा को देखते हुए कमरे खाली कराए जाने का दबाव बनाया जा रहा था।


इस पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की ओर से शासन को पत्र लिखकर होटल में रह रहे प्रभावितों के लिए 30 अप्रैल तक समय सीमा बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था। जिसे शासन ने मंजूरी दे दी है।


होटल के कमरों के बिलों के भुगतान पर शासन ने स्पष्ट किया है कि बजट की कहीं कोई कमी नहीं है। जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।

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इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है। शासन की ओर से निर्णय लिया गया जो प्रभावित परिवार जहां रह रहे हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक यथावत रखा जाएगा। इसके बाद आगे की स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। सभी होटलों के बिलों का बराबर भुगतान किया जा रहा है। कुछ एक मामलों में जीएसटी नंबर की समस्या आई थी, जिसे दिखवाया जा रहा है।

– डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव आपदा प्रबंधन विभा


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