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जोशीमठ में प्रभावितों के लिए राहत शिविर बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी बारीक दरारें दिख रही हैं। हालांकि ये पुरानी बताई जा रही हैं। होटलों को तोड़ने की शुरुआत करने के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया। अब तक 258 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है।
जोशीमठ में भू-धंसाव नहीं रुक रहा है। अब तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब दो अन्य कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आई हैं। होटल आपस में मिलने लगे हैं। वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है।
जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसर गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही ठहरते थे। बुधवार की सुबह भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।
पहले गेस्ट हाउस के प्रथम तल के कक्ष संख्या 204 से 208 तक पांच कमरों की दीवार में हल्की दरारें थीं। अब देखा गया तो ये दरारें और बढ़ गईं। कमरों और कार्यालय की दीवारों पर दरारें उभरी हुई हैं। इसके निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लग गई हैं। इस लिहाज से गेस्ट हाउस के पांच डीलक्स कमरे असुरक्षित हो गए हैं। जिनमें पर्यटकों को ठहराना ठीक नहीं होगा। जल्द ही इस भवन को भी असुरक्षित घोषित करने के आसार हैं।
 
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सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।
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