Joshimath Sinking: चेहरे पर दिख रहे आपदा के आतंक के निशान, ये रिपोर्ट बता रही गेटवे ऑफ हिमालय की हालत

[ad_1]

गेटवे ऑफ हिमालय के नाम से मशहूर जोशीमठ में भू.धंसाव से जमीन में कई मीटर गहरी दरारें पड़ गईं और 700 से ज्यादा घरों की दिवारें दरक गई हैं। इस आपदा के आतंक के निशान यहां हर स्थानीय चेहरे पर दिख रहे हैं। कालोनियां और होटल खाली कराए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने पिछले तीन दिनों में कोई 70 परिवारों को गेस्टहाउस में शिफ्ट किया।

बृहस्तपतिवार को दस और परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया। सरकार की उपेक्षा से गुस्साए लोगों ने सुबह से कई घंटे चक्का जाम रखा है। सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों के लिए जोशीमठ-औली रोपवे भी बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय खुद इस मामले में पल पल की जानकरी ले रहा है। राज्य सरकार के विशेषज्ञों की टीम गठित की है जो देर शाम तक जोशीमठ पहुंच जाएगी। ये टीम भू.धंसाव रोकने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों के संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।

ये सबकुछ अचानक नहीं हुआ। पर्यटकों का खूबसूरत जोशीमठ एक लंबे अरसे से धंस रहा है। बता दें हेमकुंड साहिब ऑली फूलों की घाटी आदि स्थानों पर जाने के लिए यात्रियों को इसी जांशीमठ से होकर गुजरना पड़ता है। इस भू.धंसाव को लेकर स्थानीय लोगों की जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति पिछले कई सालों से इसे लेकर आंदोलन कर रही है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

अभी तीन दिन पहले शहर के तकरीबन सभी नौ वार्डों में बने कई मकानों में जब अचानक बड़ी दरारें आ गईं। पूरे नगर में भय की लहर दौड़ गई। ये दरारें हर अगले दिन बढ़ती जा रही हैं। उस वक्त ये दहशत और बढ़ गई जब जेपी कंपनी के आवासीय परिसर के मकानों में दरारें आ गई। कॉलोनी के पिछले हिस्से में जमीन से पानी का रिसाव लगातार जारी है।

खतरा बढ़ता देख जेपी कंपनी ने 50 परिवारों को अपने गेस्ट हाउस में शिफ्ट करा दिया। भू-धंसाव को लेकर जिला प्रशासन की 6 टीमें घर.घर जाकर सर्वे करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटी हैं। अभी तक जेपी कालोनी के अलावा 34 अन्य परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

सर्वेक्षण कार्य जारी है जिसमें देखा जा रहा है कि किन घरों में दरारें आई हैं। यहां का चर्चित होटल माउंट व्यू जमीन धंसने से तिरछा हो गया। बताते हैं सोमवार रात होटल की दीवारें चटकने की आवाज आने से पीछे रहने वाले परिवार दहशत में आ गए। ये पांच परिवार घर छोड़कर भागे और सारी रात बाहर सर्दी में गुजारी। प्रशासन ने अगले दिन होटल को खाली करा दिया।

इसी तरह का जेपी के डाक घर को भी शिफ्ट करना पड़ा। संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि प्रभावित परिवारों को नगरपालिका गुरुद्वारा एजीआईसीए आईटीआई तपोवन प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ आदि स्थानों पर शरण दी गई है। हालात बिगड़ता देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को विशेषज्ञों का एक दल जोशीमठ रवाना किया। यह टीम देर शाम जोशीमठ पहुंच गई।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *