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आरबीआई
– फोटो : पीटीआई
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जोशीमठ में भू-धंसाव का असर बेंकिंग सेवा पर भी पड़ा है। जोशीमठ में संचालित सभी आठ बैंकों की ब्रांचों ने अपनी करोड़ों की करेंसी व जरुरी दस्तावेज गोपेश्वर और कर्णप्रयाग की ब्रांचों में शिफ्ट कर दी है। आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने जोशीमठ से 125 करोड़ की जमापूंजी कर्णप्रयाग चेस्ट (सेंटर) में जमा कर दी है।
जोशीमठ में भारतीय स्टेट बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इडिया, इंंडियन ओवरसेज बैंक, केनरा बैंक और एचडीएफसी बैंक की शाखाएं संंचालित होती हैं। इन बैंकों से बदरीनाथ से लेकर जोशीमठ, उर्गम, थेंग, पांडुकेश्वर, जोशीमठ नगर के अलावा सेना व आईटीबीपी के उपभोक्ता जुड़े हैं।
अकेले एसबीआई की शाखा से 25 हजार से अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं, यहां प्रतिदिन लगभग 15 लाख रुपये का लेन-देन होता है। बैंक के मुख्य भवन पर भी दरारें आ गई हैं। बैंक मैनेजर नीरज कुमार ने बताया कि बैंक का एटीएम सही स्थिति में है, लेकिन ब्रांच की बाहरी दीवारों पर क्रेक आ गए हैं। नृसिंह मंदिर की ओर बैंक को शिफ्ट करने की योजना है। बैंक ऑफ बड़ौदा के भीतर कई जगहों पर दरारें पड़ी हैं। इस बैंक से 4500 उपभोक्ता जुड़े हैं।
लीड बैंक अधिकारी गबर सिंह रावत ने बताया कि बैंक अधिकारियों को तत्काल बैंक शिफ्ट करने के लिए कह दिया गया है। पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक भी मुख्य बाजार में संचालित होते हैं। हालांकि अभी बैंकों की भवनों पर दरारें नहीं हैं, लेकिन इन्हें भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व केनरा बैंक भी इसी लाइन में हैं।
लीड बैंक अधिकारी गबर सिंह रावत ने बताया कि सभी बैंक शाखाओं ने अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज गोपेश्वर और कर्णप्रयाग शिफ्ट कर दिए हैं। यदि स्थिति बिगड़ती है तो बैंक अधिकारियों को फिलहाल तपोवन व बड़ागांव से बैंक संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जोशीमठ से 125 करोड़ रुपये को कर्णप्रयाग शिफ्ट कर दिया गया है।
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