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कठुआ कांड
– फोटो : अमर उजाला
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रसाना मामले में आरोपी शुभम सांगड़ा पर वयस्क के रूप में अभियोजन चलाए जाने के फैसले से हत्या व दुष्कर्म पीड़ित का परिवार ट्रायल शुरू होने का इंतजार कर रहा है। दुष्कर्म व हत्या की शिकार बच्ची को गोद लेने वाले परिवार ने जल्द ट्रायल शुरू होने की उम्मीद जताई।
वहीं, पंजाब के मलेरकोटला में पीड़ित पक्ष के वकील मुबीन फारूकी ने कहा कि शुभम को लेकर ट्रायल भी पंजाब में ही होना चाहिए, जैसा कि अन्य आरोपियों का हुआ था। इसमें यदि ट्रायल का स्थान बदला गया तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। फारूकी ने कहा, एक ही मामले के लिए दो अपीलीय अदालतें नहीं हो सकतीं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुभम को नाबालिग मानने से इन्कार करते हुए ट्रायल वयस्क की तरह चलाने के निर्देश दिए थे। वकील फारूकी ने कहा, शुभम को पहले नाबालिग मानते हुए सुरक्षा प्रदान की गई थी। अब हालात बदल गए हैं। लिहाजा ट्रायल पठानकोट की अदालत में ही होना चाहिए।
क्या है मामला
जम्मू संभाग के जिला कठुआ में गांव रसाना की 8 साल की बच्ची 10 जनवरी 2018 को लापता हो गई थी। बच्ची को काफी तलाशने के बाद पिता ने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। लापता होने के 7 दिनों बाद 17 जनवरी को जंगल में बच्ची की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली।
बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। खानाबदोश मुस्लिम समुदाय से थी। उस बकरवाल समुदाय से, जो कठुआ में अल्पसंख्यक है। बच्ची के साथ हुई हैवानियत के विरोध में परिजनों ने प्रदर्शन किया और हाईवे जाम कर दिया। 18 जनवरी को एक आरोपी का सुराग लगा और उसे दबोच लिया गया।
22 जनवरी को पुलिस ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। इस बीच कुछ लोग आरोपियों के पक्ष में खड़े हो गए। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (जम्मू) भी इस आंदोलन में शरीक हो गया। नतीजतन 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई। फिर क्राइम ब्रांच ने 10 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की।
वकीलों ने इसका विरोध करते हुए 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को पूरे जम्मू-कश्मीर का बंद बुलाया और वे कठुआ जिला जेल के बाहर लगातार प्रदर्शन करते रहे। पीड़ित परिवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला कठुआ से पठानकोट की सेशन कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।
कोर्ट ने 8 जून 2018 को सात आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए थे। केस में कुल 221 गवाह बनाए गए हैं। 55वें गवाह के रूप में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पेश हुए। 56वें गवाह के रूप में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के एक्सपर्ट को पेश किया गया। जब से केस की सुनवाई शुरू हुई, तब से अब तक सभी तारीखों पर सुनवाई की वीडियोग्राफी कराई गई है। इनमें एक किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा शुरू होना अभी बाकी है
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