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कार्यदायी संस्था डीडीएमए-लोनिवि के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मार्च पहले सप्ताह तक बर्फ साफ करते हुए केदारनाथ तक रास्ता खोल दिया जाएगा। इसके बाद केदारनाथ में मंदिर मार्ग, मंदिर परिसर सहित पुनर्निर्माण कार्य स्थलों में जमा बर्फ को प्राथमिकता से साफ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल तक गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी कार्य पूरे कर आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
वहीं सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। साथ ही निविदा प्रक्रिया का प्रारंभिक कार्य शुरू हो गया है।
इसी वर्ष रोपवे का निर्माण होना है, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9 किमी रोपवे बनाया जाएगा। इस रोपवे के बनने से बाबा केदार की दुर्गम यात्रा सुलभ और सरल हो जाएगी।
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण के लिए 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
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बीते वर्ष भारतीय वन्य जीव बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू की गई, जो अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
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