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मौसम विभाग की ओर से बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी करने और सरकार की अपील के बावजूद लगभग आठ हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। छोटी लिनचोली से पैदल रास्ता ठीक है। लेकिन छानी कैंप से आगे केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग पर बर्फ है। पैदल चलने वाले श्रद्धालु बर्फ को देख कर काफी उत्साहित दिखे।
सोमवार को सुबह सात बजे से ही सोनप्रयाग से श्रद्धालु केदारनाथ जाने लगे थे। दिन चढ़ने के साथ ही यात्रियों की संख्या में इजाफा होता रहा जिससे गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचौली, बड़ी लिनचौली से लेकर केदारनाथ धाम तक रौनक बढ़ती रही। मौसम की दुश्वारियों के बीच पैदल मार्ग पर बाबा के जयकारे और भजन कीर्तनों के साथ भक्तों का उल्लास अपने चरम पर रहा।
दिल्ली से आए राकेश जौहर, मधु जौहर और गीता सोनी ने बताया कि वह बीस अप्रैल को ही ऊखीमठ पहुंच गए थे और बाबा की डोली के साथ धाम के लिए चल रहे हैं। राकेश जौहर पिछले 38 वर्षो से कपाट खुलने के मौके पर धाम पहुंचते आ रहे है।
वहीं, उड़ीसा के दो युवा श्रद्धालु पीके शर्मा और देवाशीष ने बताया कि वह पहली बार बाबा के दर्शन के लिए आए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा सहित दक्षिण भारत के कई राज्यों से श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम ने नंदी कैंप, हिमलोक, सुमेरु में गेस्ट हाउस व टेंट लगा कर दो हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की है। इसके अलावा भीमबली से आगे छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली व अन्य पड़ाव और केदारनाथ धाम में प्राइवेट टेंट, निजी गेस्ट हाउस में श्रद्धालु ठहरे हुए हैं।
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