Kotdwar: जुई गांव में दिखे बाघ को वन विभाग की टीम ने किया ट्रैंकुलाइज, पिंजरे में डालकर कार्बेट ले गए वनकर्मी

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Kotdwar: forest department team tranquilized the tiger seen in Jui village

टीम ने बाघ ने पकड़ा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

कोटद्वार के रिखणीखाल के डल्ला गांव (लड्वासैंण) में वृद्ध को मौत के घाट उतारने वाले हमलावर बाघों में से एक डेढ़ साल का नर बाघ को वन विभाग की टीम ने बुधवार शाम सात बजे ट्रैंकुलाइज करने में सफलता प्राप्त कर ली है। ट्रैंकुलाइज करने के बाद वन विभाग की टीम बाघ को पिंजरे में डालकर अपने साथ मैदावन रेंज कार्यालय ले गई है। रातोंरात बाघ को  काॅर्बेट ले जाया जा रहा है।

ग्राम पंचायत जुई के प्रधान राजपाल सिंह ने बताया कि बुधवार दिन में गाडियूंपुल में बाघ दिखने पर वन कर्मियों की एक टीम वहां के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद शाम 5:00 बजे के करीब एक बाघ जुई पापड़ी गांव में नजर आया। शाम 7:00 बजे के करीब जुई गांव में उनके घर से करीब 100 मीटर दूर झाड़ियों में एक बाघ दिखाई दिया। इसकी सूचना तत्काल वन विभाग की टीम को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की ट्रैंकुलाइज टीम मौके पर पहुंची और गन की रेंज में आते ही बाघ पर निशाना साधा। सटीक निशाने के कारण इंजेक्शन लगते ही इसका असर बाघ पर दिखने लगा। कुछ देर बाद बाघ वहीं पर बेहोश हो गया।

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देखते ही देखते ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। सुरक्षा की दृष्टि से वन कर्मी बाघ को पिंजरे में डालकर अपने साथ मैदावन रेंज कार्यालय ले गए। बताया कि बुधवार को नैनीताल चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती और डॉ. आरएस उनियाल के नेतृत्व में टीम को ट्रैंकुलाइज करने में सफलता मिल गई है। बाघ पकड़ने के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ट्रैंकुलाइज व पैट्रोलिंग टीमें गांव में डटी हुई है। गाड़ियूंपुल में दिखे दो बाघों को भी पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अभी दो बाघ और सक्रिय हैं। गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि जुई में दिखे बाघ को ट्रैंकुलाइज कर लिया गया है। बाघ को रातोंरात कार्बेट नेशनल पार्क ले जाया जा रहा है।

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