कोटद्वार में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक महिला का बस में ही प्रसव कराना पड़ा। नैनीडांडा ब्लॉक से एक गर्भवती महिला पति के साथ राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा पहुंची लेकिन डॉक्टर ने उसकी जांच नहीं की। डॉक्टर ने पहले अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लाने और उसके बाद ही चेकअप की बात कही। यह सुन महिला पति के साथ बस में सवार होकर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नैनीडांडा से कोटद्वार जा रही थी कि रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा हो गई। 108 एंबुलेंस के कर्मियों को बस में ही महिला का प्रसव करना पड़ा। प्रसव के लिए पूरी बस खाली कराई गई। मामला सीएमओ तक पहुंचा तो उन्होंने जांच के निर्देश दिए।
नैनीडांडा ब्लॉक के गोदियाल गांव ताल निवासी प्रेम सिंह ने बताया कि वह गांव में खेती का काम करते हैं। उसकी पत्नी हेमा देवी (24) की दूसरी डिलीवरी होनी थी। इसलिए पत्नी का उपचार राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा (गांव से 18 किमी दूर) में चल रहा था। दो दिन पहले पत्नी के पेट में दर्द होने पर वे अस्पताल में चेकअप के लिए गए थे। तब चिकित्सक ने बिना जांच किए उन्हें दवाई देकर घर भेज दिया। मंगलवार सुबह एक बार फिर से वे डिलीवरी के बारे में जानने के लिए महिला चिकित्सक के पास गए तो चिकित्सक ने उन्हें बताया कि डिलीवरी की डेट बीत चुकी है। इसलिए पहले अल्ट्रासाउंड कराकर लाओ फिर बच्चे को देखेंगे।
इतना सुनते ही वे अस्पताल से निकले और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नैनीडांडा से कोटद्वार आने वाली जीएमओयू की बस में बैठ गए। शाम पांच बजे हाईवे पर कोटद्वार से पहले ही पत्नी को दर्द शुरू हो गया। पीडब्लूडी कालोनी के पास पहुंचते ही प्रसव पीड़ा के कारण महिला चिल्लाने लगी। आनन फानन में बस चालक ने बस को रोक दिया। यह देख लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। मौके पर 108 एंबुलेंस पहुंची। इसके बाद एंबुलेंस में तैनात टेक्नीशियन ने बस की सीट पर ही महिला का प्रसव कराया। वहीं महिला के पति प्रेम सिंह ने महिला डॉक्टर पर पत्नी का सही उपचार नहीं करने का आरोप लगाया।
बढ़ गया था खतरा
एंबुलेंस में तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) सीता ठाकुर ने बताया कि महिला की हालत को देखते हुए बस से सभी यात्रियों को उतार दिया गया। इसके बाद महिला की डिलीवरी बस की सीट पर ही कराई। बच्चा पेट में उल्टा हो गया था जिसके कारण खतरा अधिक था। किसी तरह महिला की डिलीवरी कराई गई। महिला ने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद दोनों को 108 एंबुलेंस में ले जाकर आगे का उपचार दिया गया। इसके बाद बच्ची को राजकीय बेस अस्पताल के जच्चा बच्चा वार्ड में भर्ती कराया।
चिकित्सक की ओर से महिला का समुचित उपचार नहीं किए जाने का मामला गंभीर है। मामले की जांच के निर्देेश दे दिए गए हैं। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. प्रवीन कुमार सीएमओ पौड़ी।
विस्तार
कोटद्वार में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक महिला का बस में ही प्रसव कराना पड़ा। नैनीडांडा ब्लॉक से एक गर्भवती महिला पति के साथ राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा पहुंची लेकिन डॉक्टर ने उसकी जांच नहीं की। डॉक्टर ने पहले अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लाने और उसके बाद ही चेकअप की बात कही। यह सुन महिला पति के साथ बस में सवार होकर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नैनीडांडा से कोटद्वार जा रही थी कि रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा हो गई। 108 एंबुलेंस के कर्मियों को बस में ही महिला का प्रसव करना पड़ा। प्रसव के लिए पूरी बस खाली कराई गई। मामला सीएमओ तक पहुंचा तो उन्होंने जांच के निर्देश दिए।
नैनीडांडा ब्लॉक के गोदियाल गांव ताल निवासी प्रेम सिंह ने बताया कि वह गांव में खेती का काम करते हैं। उसकी पत्नी हेमा देवी (24) की दूसरी डिलीवरी होनी थी। इसलिए पत्नी का उपचार राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा (गांव से 18 किमी दूर) में चल रहा था। दो दिन पहले पत्नी के पेट में दर्द होने पर वे अस्पताल में चेकअप के लिए गए थे। तब चिकित्सक ने बिना जांच किए उन्हें दवाई देकर घर भेज दिया। मंगलवार सुबह एक बार फिर से वे डिलीवरी के बारे में जानने के लिए महिला चिकित्सक के पास गए तो चिकित्सक ने उन्हें बताया कि डिलीवरी की डेट बीत चुकी है। इसलिए पहले अल्ट्रासाउंड कराकर लाओ फिर बच्चे को देखेंगे।
इतना सुनते ही वे अस्पताल से निकले और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नैनीडांडा से कोटद्वार आने वाली जीएमओयू की बस में बैठ गए। शाम पांच बजे हाईवे पर कोटद्वार से पहले ही पत्नी को दर्द शुरू हो गया। पीडब्लूडी कालोनी के पास पहुंचते ही प्रसव पीड़ा के कारण महिला चिल्लाने लगी। आनन फानन में बस चालक ने बस को रोक दिया। यह देख लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। मौके पर 108 एंबुलेंस पहुंची। इसके बाद एंबुलेंस में तैनात टेक्नीशियन ने बस की सीट पर ही महिला का प्रसव कराया। वहीं महिला के पति प्रेम सिंह ने महिला डॉक्टर पर पत्नी का सही उपचार नहीं करने का आरोप लगाया।