Ladakh Update: शुकपा व सेरनॉन हो सकते हैं लद्दाख के राज्य पेड़ और फूल, जनता से मांगे सुझाव

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शुकपा का पेड और फूल

शुकपा का पेड और फूल
– फोटो : संवाद

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औषधीय गुणों से भरपूर शुकपा को लद्दाख का राज्य पेड़ और सेरनॉन को राज्य फूल घोषित करने का प्रस्ताव दिया गया है। उप राज्यपाल प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने आम लोगों से सात जनवरी तक सुझाव मांगे हैं।

इसके बाद राज्य पेड़ और राज्य फूल पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। दोनों ही वनस्पतियाें की संख्या लगातार कम हो रही है। कमेटी अध्यक्ष डॉ. पदमा गुरमीत ने कहा, लोगों के सुझाव और आपत्तियां मिलने के बाद लद्दाख के राज्य पेड़ और राज्य फूल संबंधी अगली कार्यवाही की जाएगी।

भोटी में शुकपा कहे जाने वाले पेड़ का बोटेनिकल नाम जूनिपरस पोलीकारपोस है, जबकि सेरनॉन को वनस्पति विज्ञान में मेकोनोप्सिस एक्यूलेटा कहा जाता है। शुकपा को हिमालयन पेंसिल सेडार भी कहा जाता है।

उत्तर पश्चिम हिमालय क्षेत्र में समुद्रतल से 2800 से 3800 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाने वाला यह पेड़ कटाई और कम बीज तैयार होने की वजह से लुप्त हो रहा है। वहीं सेरनॉन को हिमालयन ब्लू पॉपी भी कहा जाता है।

दोनों ही वनस्पतियों का सो रिगपा चिकित्सा पद्धति में उपचार के दौरान इस्तेमाल किया जाता है।

विस्तार

औषधीय गुणों से भरपूर शुकपा को लद्दाख का राज्य पेड़ और सेरनॉन को राज्य फूल घोषित करने का प्रस्ताव दिया गया है। उप राज्यपाल प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने आम लोगों से सात जनवरी तक सुझाव मांगे हैं।

इसके बाद राज्य पेड़ और राज्य फूल पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। दोनों ही वनस्पतियाें की संख्या लगातार कम हो रही है। कमेटी अध्यक्ष डॉ. पदमा गुरमीत ने कहा, लोगों के सुझाव और आपत्तियां मिलने के बाद लद्दाख के राज्य पेड़ और राज्य फूल संबंधी अगली कार्यवाही की जाएगी।

भोटी में शुकपा कहे जाने वाले पेड़ का बोटेनिकल नाम जूनिपरस पोलीकारपोस है, जबकि सेरनॉन को वनस्पति विज्ञान में मेकोनोप्सिस एक्यूलेटा कहा जाता है। शुकपा को हिमालयन पेंसिल सेडार भी कहा जाता है।

उत्तर पश्चिम हिमालय क्षेत्र में समुद्रतल से 2800 से 3800 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाने वाला यह पेड़ कटाई और कम बीज तैयार होने की वजह से लुप्त हो रहा है। वहीं सेरनॉन को हिमालयन ब्लू पॉपी भी कहा जाता है।

दोनों ही वनस्पतियों का सो रिगपा चिकित्सा पद्धति में उपचार के दौरान इस्तेमाल किया जाता है।



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