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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
विस्तार
लखीमपुर खीरी जिले में एक ओर जहां पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं, वहीं लापरवाही बरतने पर राजस्व और कृषि विभाग के कर्मचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। सेटेलाइट से पराली जलने के मामले पकड़े जा रहे हैं। प्रशासन ने शनिवार को पांच लेखपाल और निलंबित कर दिए हैं, जबकि पांच और किसानों का सट्टा निलंबित किया गया। उधर, अब किसानों ने भी कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया है।
इससे पूर्व पराली न जलाने को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने व प्रचार-प्रसार न करने पर गोला के दो लेखपालों पर कार्रवाई की गई थी। बता दें कि गन्ना विभाग समेत कृषि और राजस्व विभाग मिलकर निगरानी कर रहे हैं। तीनों को संयुक्त जिम्मेदारी दी गई है कि सभी मिलकर क्षेत्र में किसानों को पराली जलाने से नुकसान के बारे में बताएं, क्योंकि प्रदेश और केंद्र की सरकारें पराली जलाए जाने को लेकर सख्त हैं।
गन्ना विभाग ने जिले की सभी 14 समितियों पर पराली नष्ट कराने के लिए किराये पर मर्चर और ट्रैक्टर की व्यवस्था की है। अगर किसान मर्चर से पराली प्रबंधन करता है, तो इसके इस्तेमाल से पराली चूर-चूर होकर खेत में मिल जाती है। किसान के लिए यह सौदा महंगा बैठ रहा है। इसलिए खेत में ही पराली जला रहे हैं, जिससे वह प्रशासन की कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं।
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