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Diwali 2022: हिन्दू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है. दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है और इसकी तैयारियां धनतेरस से पहले ही शुरू हो जाती हैं. हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि का त्योहार मानते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पर आती है और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
Diwali 2022 Date and Time: लक्ष्मी पूजन का समय
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त – शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन में करें आरती
दिवाली के दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की अराधना की जाती है. धनतेरस और दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में माता लक्ष्मी की सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मां लक्ष्मी अपने भक्तों को धन-धान्य से भर देती हैं. वहीं कुछ ऐसे मंत्र और आरती है जिनके बिना मां लक्ष्मी की अराधना अधूरी मानी जाती है. जबकि इस आरती को करने से लक्ष्मी घर में आती हैं, तो लोगों का भाग्य बदल जाता है. आइए यहां से पढ़ें मां लक्ष्मी की आरती…
महालक्ष्मी व्रत की आरती (Lakshmi Ji ki Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ ॐ जय…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय…
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ ॐ जय…
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय…
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ ॐ जय…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ ॐ जय…
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ ॐ जय…
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ ॐ जय…
आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए.
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