Lalan Singh : जदयू अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया फर्जी; नीतीश के यूपी से चुनाव लड़ने पर भी बोले

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Bihar News : JDU Party president Lalan Singh targets Amit Shah, Nitish Kumar contest from UP

ललन सिंह।
– फोटो : अमर उजाला

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जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अमित शाह को फर्जी ज्योतिष हैं। वह जहां-जहां गए और कहा कि दो तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी। वहां भाजपा हार गई। बंगाल में हार गए, हिमाचल में हार गए, कर्नाटक में हार गए। अब पांच राज्यों में भी इनका यही हाल होने वाला है। केंद्र सरकार के द्वारा रोजगार मेला में 133 लोगों को रोजगार दिए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमने फोटो देखा है कि बड़ा भारी-भारी आदमी मुरेठा वाला नियुक्ति पत्र दे रहा था। नियुक्ति पत्र देने का मतलब है कि सवा लाख लोगों को एक साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार गांधी मैदान और राज्य के 37 जिले में देने जा रही है यह नीतीश कुमार का करामात है।

कार्यकर्ताओं और पार्टी पर भरोसा नहीं रहा

केंद्र सरकार द्वारा 765 जिलों में अधिकारियों के को भेजने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि उनको अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी पर भरोसा नहीं रहा। इसीलिए अब अधिकारियों को लगा रहे हैं, क्योंकि उनको लगा है कि उनकी तानाशाही सरकार के साथ-साथ पार्टी में भी चल रही है। उनका पार्टी के कार्यकर्ताओं से भरोसा उठ गया है। इसीलिए अपने अधिकारियों को अपने काम के प्रचार में लगा रहे हैं। ललन सिंह ने सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि 9 साल में क्या-क्या काम किया? उज्ज्वला योजना का हालत खराब है। महंगाई रूकी नहीं, काला धन आया नहीं,  बल्कि काला धन और बाहर जा रहा है इन सब चीजों का भी जवाब सरकार को देना चाहिए। 

चुनाव लड़ने का फैसला सीएम नीतीश कुमार को ही करना है

वहीं सीएम नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं के डिमांड पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है लेकिन फैसला तो नीतीश कुमार को ही करना है। अब आप समझ लीजिए कि कार्यकर्ता वहां की चाह रहे हैं कि नीतीश कुमार वहां से आकर चुनाव लड़ें तो भाजपा को वोट कहां से मिलेगा? सांसद महुआ मोइत्री के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि हमें अखबारों से जानकारी मिली है। सच्चाई पता नहीं है लेकिन, आचार समिति में मामला है। आचार समिति दोनों पक्ष को सुनेगी।

 

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