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Lawyers Letter: हरीश साल्वे समेत 500 से अधिक प्रमुख वकीलों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को गुरुवार को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है. प्रधान न्यायाधीश को लिखे गए पत्र में आरोप लगाया है कि एक ‘निहित स्वार्थी समूह बेकार के तर्कों और घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडा’ के आधार पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है. पत्र में कहा गया है कि यह समूह अदालतों के कथित बेहतर अतीत और सुनहरे दौर की झूठी कहानियां बनाता है और इसकी तुलना वर्तमान में होने वाली घटनाओं से करता है. पत्र में दावा किया गया है कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य अदालतों को प्रभावित करना और राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें असहज करना है.
न्यायपालिका पर खतरा हेडलाइन से वकीलों के समूह ने लिखा पत्र
‘न्यायपालिका पर खतरा: राजनीतिक और पेशेवर दबाव से न्यायपालिका को बचाना’ हेडलाइन वाले पत्र को लिखने वाले करीब 600 अधिवक्ताओं में आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होला और स्वरूपमा चतुर्वेदी के नाम शामिल हैं. वकीलों ने पत्र में किसी विशिष्ट मामले का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब अदालतें विपक्षी नेताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के कई बड़े आपराधिक मामलों से निपट रही हैं. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उनके नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस आरोप का खंडन किया है.
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