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अदालत
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
तारीख पर तारीख की जगह लोक अदालत में मामले का निस्तारण एक दिन में होता है। अब यह एक दिन की अदालत यानी लोक अदालत 13 मई को लगेगी। यहां न तो शुल्क लगता है और न ही किसी वकील की ही जरूरत पड़ती है। इसका निर्णय आखिरी होता है, उसके खिलाफ कहीं भी अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर लगती है।
अलीगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दिनेश कुमार नागर ने बताया कि 13 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिसके शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार के लिए मोबाइल लोक अदालत वेन चलेगी, जिसका जिला जज डॉ बब्बू सारंग 13 मार्च को दीवानी न्यायालय परिसर के एडीआर भवन चौराह पर प्रात: 10.30 बजे हरी झण्डी दिखाकर करेंगे।
ये रखे जाएंगे मामले
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों, विभागों में लम्बित विभिन्न प्रकृति के मामलों जैसे फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, विद्युत अधिनियम एवं जलकर से सम्बन्धित वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक वाद, भूमि अर्जन वाद, सेवा सम्बन्धित वाद अन्य दीवानी वाद, अन्य प्रकृति के वाद जो न्यायालयों में लम्बित हो और उक्त के अतिरिक्त पारिवारिक, वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन मामलों व प्रीलिटिगेशन स्तर पर विभिन्न विभागों आदि के मामलों का निस्तारण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जायेगा।
लोक अदालत क्या है
लोक अदालत का अर्थ है जनता की अदालत। लोक अदालत वह मंच है, जहां मामलों का निस्तारण एक दिन में होता है। साथ ही लोक अदालत के लिए अधिवक्ता का होना अनिवार्य नहीं है, इसका कोई शुल्क भी नहीं लगता। लोक अदालत के निर्णय की किसी भी अदालत में अपील भी नहीं की जाती है।
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