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पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार की नीतीश सरकार का एक तरफ ध्यान भारत निर्वाचन आयोग पर है, दूसरी तरफ नजर राजभवन पर। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर की सारी रार को खत्म कर लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का प्रारूप फाइनल भी करना है। उसी हिसाब से राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए शपथ भी दिलानी है। और, इन सभी के साथ चुनाव की अधिसूचना से पहले अंतिम और अहम कैबिनेट के फैसले भी प्रतीक्षा में हैं। हालत यह है राज्य सचिवालय में सबकुछ आपाधापी की तरह भी और संशय में भी। राज्य सरकार को जानकारी मिल चुकी है कि निर्वाचन आयोग शनिवार दोपहर बाद तीन बजे लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा। इसलिए, सभी को पता है कि सबकुछ अचानक ही आपाधापी में होगा। फिलहाल सभी की नजर मुख्यमंत्री सचिवालय और राजभवन पर टिकी है, क्योंकि आज होने वाली कैबिनेट बैठक के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए शपथ ग्रहण भी होना है।
पटना पहुंचकर राज्यपाल करेंगे फाइनल
लोकसभा चुनाव के पहले शु्क्रवार की शाम बिहार कैबिनेट की अंतिम बैठक होगी। इसके बाद शनिवार दोपहर बाद लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने पर राज्य सरकार कोई लोकलुभावन फैसला कैबिनेट से नहीं ले सकती है, इसलिए यह बैठक अहम है। इस बैठक से पहले मंत्रिमंडल विस्तार भी हो जाना है। इस विस्तार के लिए राजभवन से समय मिलने का इंतजार है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर गया से लौटकर इसके लिए समय देंगे।
किन नामों को लाया जाएगा, अब होगा खुलासा
शपथ ग्रहण में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के पुराने मंत्रियों का ही नाम लगभग तय है। नई सरकार के गठन के दिन भी पुराने ही मंत्री बनाए गए थे। अब राज्यसभा चले गए संजय झा के अलावा बाकी मंत्रियों की वापसी की उम्मीद है, हालांकि देखने वाली बात यह होगी कि बहुमत के समय भाव खाने वालों को जदयू की ओर से मौका मिलता है या नहीं। दूसरी ओर भाजपा 2020 में बनी अपनी सरकार के कुछ मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मौका देने जा रही है। सैयद शाहनवाज हसन विधान परिषद् नहीं गए हैं, इसलिए उनका तो नाम पहले ही हट गया है। पूर्व के अलावा, कुछ भूतपूर्व भी मंत्री बन सकते हैं। नए नामों में मुजफ्फरपुर के केदार गुप्ता की भी चर्चा है।
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