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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (वीडियो ग्रैब)
– फोटो : यू-ट्यूब- चुनाव आयोग
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भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की एलान कर दिया है। देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे, 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को समाप्त होंगे और चार जून को परिणाम घोषित किया जाएगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर में पांच चरण में लोकसभा चुनाव संपन्न होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावा लोकसभा चुनाव के बाद होंगे।
लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराने के पीछे का कारण बताते हुए सीईसी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में हर उम्मीदवार को सुरक्षा बल उपलब्ध कराना होगा, जो ऐसे समय में संभव नहीं है जब पूरे देश में चुनाव हो रहे हों। उन्होंने यह भी कहा कि परिसीमन अभ्यास के बाद दिसंबर 2023 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया था और तब से चुनाव आयोग (ईसी) के लिए घड़ी की टिक-टिक शुरू हो गई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने काहा, ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में पारित किया गया था। इसमें 107 सीटों का प्रावधान था, जिनमें से 24 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थी। फिर परिसीमन आयोग आया और सीटों में बदलाव हुआ, पुनर्गठन अधिनियम और परिसीमन में तालमेल नहीं था। यह दिसंबर 2023 में हुआ। इसलिए हमारा मीटर दिसंबर 2023 से चलना शुरू हुआ।
उन्होंने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर में सभी दलों ने कहा कि विधानसभा चुनाव संसदीय चुनावों के साथ होना चाहिए, लेकिन पूरी प्रशासनिक मशीनरी ने कहा कि यह एक साथ नहीं किया जा सकता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-12 उम्मीदवार होंगे, जिसका मतलब 1,000 से अधिक उम्मीदवार होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार को बल उपलब्ध कराना होगा। इस समय यह संभव नहीं था, लेकिन हम प्रतिबद्ध हैं कि जैसे ही ये चुनाव खत्म होंगे, हम वहां चुनाव कराएंगे।’
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