Lokayukta: दस साल से लोकायुक्त नहीं दफ्तर पर करोड़ों रुपये खर्च, अब 56 दिनों में लोकायुक्त बनाने का दबाव

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BJP did not fulfill promise of making Lokayukta in 100 days now pressure to make in 56 days Uttarakhand news

उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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दस साल से बिना लोकायुक्त के दफ्तर चल रहा है। इस पर सरकार अब तक 30 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।  प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता से सरकार गठन के 100 दिन में लोकायुक्त बनाने का वादा किया था। लेकिन छह साल गुजर जाने के बाद भी लोकायुक्त का कुछ अता-पता नहीं है।

अलबत्ता लोकायुक्त कार्यालय लगातार संचालित होता रहा है और इस पर सरकार अब तक 30 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। मामला न्यायालय में गया तो मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मंगलवार को आदेश दिया कि प्रदेश सरकार आठ महीने में लोकायुक्त की नियुक्ति करे।

यानी जो सरकार अपने वादे के अनुसार 100 दिन में लोकायुक्त नहीं बना पाई, उस पर अब 56 दिनों में लोकायुक्त बनाने का दबाव है। इस प्रश्न पर सरकार फिलहाल मौन है। सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली का कहना है कि आदेश के बारे में अभी उन्हें जानकारी नहीं। आदेश प्राप्त होने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं।

त्रिवेंद्र सरकार लाई थी लोकायुक्त बिल

वर्ष 2017 सरकार गठन के बाद त्रिवेंद्र सरकार विधानसभा में लोकायुक्त बिल लाई थी। लेकिन विपक्ष की सहमति के बावजूद विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द कर दिया गया। तब से विधेयक विधानसभा की प्रवर समिति के पास विचाराधीन है। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार की भूमिका पर बार-बार सवाल उठाए।

 

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